मध्यप्रदेश के खंडवा में एक राजेन्द्र उर्फ राजू की उसके मुस्लिम ससुराली जनों द्वारा पीट-पीटकर की गई हत्या से हिन्दू समाज में नाराजगी है। हिन्दू जागरण मंच एवं विश्व हिन्दू परिषद ने इस पूरे घटनाक्रम पर अपना तीखा आक्रोश व्यक्त किया है। इन दोनों ही संगठनों के पदाधिकारियों ने जिहादी मानसिकता के खिलाफ आंदोलन खड़ा करने के साथ ही पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
हिंदू जागरण मंच के जिला संयोजक डॉक्टर अनीष अरझरे ने कहा कि पुलिस यदि सचेत एवं गंभीर रहती तो यह घटना नहीं होती। यदि राजेन्द्र उपाख्य राजू की सुनवाई हो जाती तो वह आज हमारे सामने जीवित होता। अनीष अरझरे का यह भी कहना है कि हिन्दू समाज के द्वारा मुस्लिम युवती से विवाह का यही अंतर है। राजेन्द्र ने न तो अमरीन का नाम बदला और न ही पंथ। बल्कि उसे मिलाने उनके मां-बाप के पास भी ले गया। पर जिहादी सोच वालों ने अपने ही घर में घेरकर दामाद की हत्या कर दी, क्योंकि वह हिन्दू था।
उल्लेखनीय है कि जिले के पिपलोद थाना क्षेत्र में रहने वाले अमरीन के परिजनों की पिटाई से उसके शौहर राजेन्द्र की मंगलवार की सुबह मौत हो गई। राजेन्द्र को उसकी पत्नी के सामने ही सास, ससुर और साले ने मिलकर इतनी बुरी मारा कि अस्पताल में इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। घटनाक्रम के अनुसार राजेन्द्र उर्फ राजू आज से तीन साल पहले राजस्थान के सीकर जिले के ग्राम खंडेल से चलकर मध्यप्रदेश के खण्डवा जिले के सिंगोट आया था। यहां काम करते हुए उसकी मुलाकात एक दिन अमरीन (आयु 20 वर्ष) पुत्री मुमताज से हुई। धीरे-धीरे समय के साथ दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे। दोनों ने जनवरी, 2021 में घर से भागकर शादी कर ली और छिपकर रहने लगे। अमरीन के घरवालों की शिकायत पर पुलिस ने 7 जनवरी, 2022 को दोनों को बरामद भी कर लिया, लेकिन अमरीन ने बयान दे दिया कि वह बालिग है और अपनी मर्जी से शादी की है। वह राजेन्द्र की ब्याहता है और उसके साथ ही रहेगी।
इस बयान के बाद मामला बंद हो गया। इस बीच अमरीन एक बेटी की मां भी बन गई। बताया जा रहा है कि इसके बाद अमरीन के परिजनों ने उससे बातचीत का सिलसिला बनाए रखा। रिश्ते सामान्य बनाने का दिखावा किया और आखिरकार उसे बहाने से घर सिंगोट भी बुला लिया। राजेन्द्र खुद अमरीन को उसके माता-पिता के घर मिलने के लिए छोड़ गया, लेकिन पिछले एक महीने में जब भी वह उसे वापस लेने आया, उसे बेइज्जत कर वापस भेज दिया गया। इस मामले में वह पुलिस से भी मदद मांगने गया, लेकिन महकमे ने खानापूर्ति की और उसकी सहायता नहीं की।
राजेन्द्र 13 मई को एक बार फिर अपनी पत्नी अमरीन और अपनी बेटी को साथ भेजने की गुहार लगाने उसके घर पहुंचा था। लेकिन अमरीन के अब्बू, अम्मी और भाईजान सहित कुछ और नाते-रिश्तेदारों ने अकेले राजेन्द्र को घेरकर बुरी तरह पीटा। घायल राजेन्द्र ने 100 नंबर डायल कर जैसे-तैसे पुलिस को सूचना दी। पुलिस उसे मौका ए वारदात से ले गई। उसने ऊपरी तौर पर मामूली चोट का हवाला देकर राजेन्द्र को घर वापस जाने की सलाह दी। 15 मई को राजेन्द्र की तबीयत अचानक से बिगड़ गई। उसे स्थानीय लोगों ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों का कहना था कि उसे अंदरूनी तौर पर गंभीर चोट लगी है। इलाज के दौरान ही 16 मई (मंगलवार) की सुबह उसकी मौत हो गई।
इस संबंध में पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र कुमार शुक्ल का कहना है कि पुलिस द्वारा मुकदमा कायम कर जांच की जा रही है। मृतक राजेन्द्र उपाख्य राजू के सास-ससुर और साले पर हत्या का केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने यह बात स्वीकारी है कि राजू की मौत मारपीट के दौरान अत्यधिक घायल हो जाने के कारण से ही हुई है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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