रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ को बढ़ावा देने के एक और प्रयास में 814 करोड़ रुपये के आयातित मूल्य के 164 आइटम का स्वदेशीकरण किया गया है। इन वस्तुओं को दिसंबर तक ‘मेड इन इंडिया’ बनाना था लेकिन समय-सीमा के भीतर यह लक्ष्य पूरा करके एक और उपलब्धि हासिल की गई है। अब तक सैन्य महत्व वाली 2,736 वस्तुओं का स्वदेशीकरण किया जा चुका है, जिनका आयातित मूल्य 2,570 करोड़ रुपये है। अब ये स्वदेशी वस्तुएं भारतीय उद्योग से ही खरीदी जाएंगी।
रक्षा मंत्रालय ने दो दिन पहले 14 मई को ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत सैन्य महत्व के 928 सब-सिस्टम और पुर्जों के आयात पर प्रतिबंध लगाते हुए चौथी स्वदेशीकरण सूची (पीआईएल) को मंजूरी दी है। इससे पहले तीन रचनात्मक स्वदेशीकरण सूचियां दिसंबर 2021, मार्च 2022 और अगस्त 2022 में जारी की जा चुकी हैं। तीनों सूचियों में 4,666 (2,851 107 780) आइटम हैं। अब चौथी सकारात्मक सूची में 928 वस्तुओं को शामिल किया गया है। इससे पहले 1756 करोड़ के आयातित मूल्य की 2,572 वस्तुओं का स्वदेशीकरण किया जा चुका है।
रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में बताया कि अब इन 164 अतिरिक्त वस्तुओं का स्वदेशीकरण होने के बाद स्वदेशी वस्तुओं की कुल संख्या 2,736 हो गई है, जिसका आयातित मूल्य 2,570 करोड़ है। अब ये स्वदेशी वस्तुएं भारतीय उद्योग से ही खरीदी जाएंगी। बयान में यह भी कहा गया है कि इन 164 वस्तुओं को दिसंबर तक स्वदेशीकरण किया जाना था, लेकिन रक्षा उत्पादन विभाग (डीडीपी) और रक्षा मंत्रालय (एमओडी) ने निर्धारित समय सीमा से पहले ही इन्हें स्वदेशी करके एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
प्रवक्ता ने बताया कि इन वस्तुओं का स्वदेशीकरण रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों ने सूक्ष्म, मध्यम और लघु उपक्रम (एमएसएमई) सहित उद्योग भागीदारों के माध्यम से या इन-हाउस उत्पादन करके किया है। इन स्वदेशी वस्तुओं की डीपीएसयू वार सूची सृजन पोर्टल https:rijandefence.gov.in/NotificationDt12052023.pdf पर उपलब्ध है।
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