इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कुछ दिनों पहले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराए जाने के आदेश दिए। इसके बाद आज मंगलवार को वाराणसी जनपद न्यायालय में पूरे ज्ञानवापी परिसर की वैज्ञानिक जांच की मांग संबंधी याचिका दाखिल की जाएगी। अधिवक्ता मदन मोहन ने बताया कि अब हिन्दूपक्ष सम्पूर्ण ज्ञानवापी परिसर की वैज्ञानिक जांच हेतु एक अलग याचिका के माध्यम से मांग करने जा रहा है, याचिका आज वाराणसी जनपद न्यायालय में दाखिल की जाएगी।
ये हैं प्रमुख बिंदु –
1) प्राचीन आदि विश्वेश्वर-काशी विश्वनाथ मंदिर के ध्वंस होने के बावजूद बचे हुए साक्ष्य तीनों भव्य शिखर की जीपीआर पद्धति से पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से जांच की मांग की जायेगी।
2) नागर शैली में बने मंदिर की पश्चिमी दीवार की पुरातत्व सर्वेक्षण के माध्यम से वैज्ञानिक जांच की मांग की जाएगी।
3) विभिन्न तहखानों की वैज्ञानिक जांच
4 ) ज्ञानवापी के वजूखाने में प्रकट हुए शिवलिंग की जा़ंच होगी तो उसके पांच खांचे में कटे हुए तथा शिवलिंग के उपर अलग से लगे मैटेरियल की भी जांच की मांग की जायेगी।
5) कथित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सीढी़ के पास पांच फिट की विद्यमान संगमरमर की आधी कटी मूर्ति की भी जांच की मांग की जाएगी।
6) मन्दिर की 20 फ़ीट ऊंची दीवार पर तीनों गुम्बद के निर्माण की जांच अर्थात गुम्बद का नींव नहीं है केवल ऊपर से गोल टोपी पहना दी गई है।
7) आदि विश़्वेश्वर महादेव के प्रवेश मार्ग को बडे़-बडे़ पत्थरों से बंदकर, मूल गर्भगृह को पाटकर शानदार सांस्कृतिक धरोहर को ध्वंस कर दिया गया था। इसकी जांच की मांग की जाएगी।
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