राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह और वर्ग के पालक अधिकारी श्री रामदत्त ने कहा कि कष्ट में भी आनंद की अनुभूति को साधना कहते हैं। संघ शिक्षा वर्ग साधना है।
गत दिनों मई को नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह और वर्ग के पालक अधिकारी श्री रामदत्त ने कहा कि कष्ट में भी आनंद की अनुभूति को साधना कहते हैं। संघ शिक्षा वर्ग साधना है।
इस अवसर पर सह सरकार्यवाह श्री मुकुंद तथा अवध प्रांत संघचालक श्री कृष्णमोहन (वर्ग के सर्वाधिकारी) भी उपस्थित थे। प्रशिक्षण हेतु देश के सभी प्रांतों से 682 स्वयंसेवक पधारे हैं। वर्ग का पथ संचलन 21 मई को और समापन 1 जून को होगा।
जनजातीय आजीविका पर गोष्ठी
गत 5 मई को नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में एकल संस्थान द्वारा ‘ग्रामीण और जनजातीय आजीविका की पुनर्कल्पना’ विषय पर एक गोष्ठी आयोजित हुई। इसे आॅनलाइन संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि जहां सरकार नहीं पहुंची, वहां एकल विद्यालय पहुंच गए। एकल प्रमुख डॉ. लल्लन शर्मा ने कहा कि हमें एक ऐसी विकासधारा की आवश्यकता है जिसमें विज्ञान और संस्कृति समाहित हो। अर्थशास्त्री डॉ. अश्विनी महाजन ने कहा कि सोने की चिड़िया कहे जाने वाले इस देश को आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता है।
गोष्ठी को पूसा-कृषि (दिल्ली) की सीईओ डॉ. आकृति शर्मा, आईआईटी, कानपुर के प्रोफेसर डॉ. अभय करिंदकर, आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर विवेक कुमार और एकल संस्थान की चेयरपर्सन डॉ. मंजू श्रीवास्तव ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन प्रवीण कपूर ने किया।
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