नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मनी लॉन्ड्रिंग केस में करीब एक साल से जेल में बंद दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की है। दिल्ली हाई कोर्ट ने बीते 6 अप्रैल को जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
ईडी ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि अगर जैन को जमानत दी जाती है तो गवाहों की जान को खतरा हो सकता है। जैन प्रभावशाली व्यक्ति हैं और बड़े राजनीतिक पद पर रह चुके हैं। वे गवाहों को प्रभावित भी कर सकते हैं। जैन को जमानत के लिए तय ट्रिपल टेस्ट को भी पास करना होगा।
इससे पहले 17 नवंबर 2022 को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सत्येंद्र जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। उल्लेखनीय है कि ईडी ने सत्येंद्र जैन को 30 मई, 2022 को गिरफ्तार किया था।
जेल में अकेलापन दूर करने के लिए सत्येद्र जैन की अफसर ने पूरी की थी मांग
तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येद्र जैन को लेकर एक नया विवाद भी सामने आया है। बताया जा रहा है कि जेल में सत्येद्र जैन का अकेलापन दूर करने के लिए अफसर ने उनकी मांग पूरी की थी। अब जेल नंबर सात के सुपरिंटेंडेंट के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो चुकी है। जानकारी में सामने आया है कि जैन की इच्छा के मुताबिक सुपरिंटेंडेंट ने उनके सेल में दो और कैदियों को भेजा था। सत्येद्र जैन ने अवसाद का हवाला देते हुए खुद के लिए सामाजिक संपर्क की जरूरत बताई थी और कुछ कैदियों को उनके सेल में भेजने की मांग की थी। जिसके बाद सुपरिंटेंडेंट ने उनके सेल में दो कैदियों को भेजा था। फिलहाल दोनों कैदियों को वापस वहां से हटा दिया गया है।
सत्येंद्र जैन ने 11 मई को आवेदन देकर अपना सेल बदलने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि वह डिप्रेशन में हैं और डॉक्टर ने उन्हें लोगों से मिलने जुलने के लिए कहा है। साथ ही उन्होंने कहा था कि उन्हें अकेलापन महसूस हो रहा है, इसलिए उन्हें कुछ अन्य कैदियों के साथ रखा जाए। उसके बाद 12 मई को सात कैदियों का ट्रांसफर किया गया, जिनमें से दो कैदियों को उनके सेल में भेज दिया गया।
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