इस्लामाबाद में इस वक्त राजनीतिक अस्थिरता चरम पर है। कंगाल पाकिस्तान डावांडोल है। जनता हतप्रभ है। कल क्या होगा, पता नहीं। बाजार, दुकानें, कारखाने, दफ्तर प्राय: बंद हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी और फिर रिहाई से कसमसाते इस्लामी देश के बार्डर पर लिखी इबारत ‘पाकिस्तान:शांति की धरती’ अपने ही मुल्म का खुलेआम मखौल बनाती प्रतीत है।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर जेल से बाहर आए इमरान के तेवर तीखे हैं और वे लगातार शाहबाज सरकार पर हमलावर हैं। उधर कल उच्च न्यायालय ने भी इमरान को चार मामलों में जमानत दी है। इतना ही नहीं, आगामी 15 मई तक इमरान की किसी भी नए घपले में गिरफ्तारी पर रोक लगाई है। पहले के मामलों में भी 17 मई तक उनको गिरफ्तार करने पर रोक लगा दी है।
स्वाभाविक है कि ऐसे में इमरान खान ने मुश्कें कस ली हैं। शाहबाज सरकार जहां सर्वोच्च न्यायालय को चुनौती देने के पैंतरे पर चल रही है तो इमरान सीधे शाहबाज पर निशाना साध रहे हैं। यहां तक कि उन्होंने खुलकर कहा है कि अब उन्हें गिरफ्तार किया तो पाकिस्तान में और गदर मच जाएगा। अदालत में अपनी गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में उनके समर्थकों द्वारा जो आग लगाई गई, उसके लिए भी इमरान ने माफी मांगने से मना कर दिया। इमरान ने यह भी कहा कि पाकिस्तान मार्शल लॉ जैसे हालात हैं। यही वजह है कि उन्होंने सीधे सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर पर भी तीखा हमला बोला है कि सारा कुछ बस एक आदमी के इशारे पर चल रहा है।
पाकिस्तान की सियासत के जानकारों का कहना है कि माहौल से यह दिखाने की कोशिश हो रही है जैसे इमरान खान पाकिस्तानी सेना से भी ताकतवर हो गए हों। उनकी ऐसी हिमाकत हो रही है कि सेना को सीधी धमकियां दे पा रहे हैं। हालांकि दूसरी तरफ लोगों को जनरल असीम मुनीर की चुप्पी पर संदेह भी हो रहा है। कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि मुनीर अंदरखाने ‘कुछ बड़ा करने’ की योजना बना रहे हैं। कहीं यह मार्शल लॉ की तरफ इशारा तो नहीं!
उच्च न्यायालय में पेश हुए इमरान ने न्यायमूर्ति के सामने पाकिस्तान में हुई हिंसा और आगजनी को गलत बताने से भी मना कर दिया। इमरान ने बचकाना तर्क रखते हुए कहा कि मैं तो अंदर था, मेरे पास एक फोन तक नहीं था। इन हालात में हिंसा के लिए मैं जिम्मेदार कैसे हो सकता हूं। वे बोले, उन्होंने पहले ही चेताया था कि अगर उन्हें गिरफ्तार किया गया तो हिंसा होगी। इस मौके पर इमरान ने अपील की कि उन्हें बाहर ही रहने दिया जाए जिससे कि वे लोगों को काबू कर सकें। ऐसे अक्खड़ बयानों के बाद भी, पूर्व प्रधानमंत्री को अल कादिर ट्रस्ट मामले में 17 मई तक की जमानत दी गई!
सुनवाई के बाद अदालत से बाहर आते हुए इमरान ने फिर कहा कि अगर उन्हें फिर से गिरफ्तार किया तो अभी जो कुछ हुआ है, फिर उससे कहीं ज्यादा होगा। यह उनकी सेना को धमकी जैसी ही मानी जा रही है। गदर मचेगा जैसी बातें एक पूर्व प्रधानमंत्री के मुंह से सुनने के बाद भी उन्हें जमानत दिया जाना विश्लेषकों को हैरान किए है।
पाकिस्तान की सियासत के जानकारों का कहना है कि माहौल से यह दिखाने की कोशिश हो रही है जैसे इमरान खान पाकिस्तानी सेना से भी ताकतवर हो गए हों। उनकी ऐसी हिमाकत हो रही है कि सेना को सीधी धमकियां दे पा रहे हैं। हालांकि दूसरी तरफ लोगों को जनरल असीम मुनीर की चुप्पी पर संदेह भी हो रहा है। कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि मुनीर अंदरखाने ‘कुछ बड़ा करने’ की योजना बना रहे हैं। कहीं यह मार्शल लॉ की तरफ इशारा तो नहीं!
टिप्पणियाँ