योगी सरकार ने ‘द केरल स्टोरी’ का दर्द बहुत पहले ही महसूस कर इसके खिलाफ कड़े कदम उठा लिए। उत्तर प्रदेश में लव जिहाद व धर्मांतरण पर अंकुश लगाने के लिए 27 नवंबर 2020 को विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020 लागू किया गया। पिछली सरकारों की लचर कार्यप्रणाली से पीड़िताओं को न्याय नहीं मिल पाता था। इस अध्यादेश के बाद लव जिहाद और धर्मांतरण के आरोपियों के खिलाफ पुरजोर कार्रवाई कर नजीर पेश की। कानून को लागू करने और पालन कराने में योगी आदित्यनाथ सरकार ने सबसे तेजी से पहल की। गौरतलब है कि केरल हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने 9 दिसंबर 2009 को दिए फैसले में जबरन मतांतरण को लेकर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि प्यार के नाम पर यहां जबरन मतांतरण कराया जा रहा है। सरकार को इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए कानून बनाना चाहिए।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, यूपी में 27 नवंबर 20 से 30 अप्रैल 2023 तक कनवर्जन से जुड़े 433 मामले दर्ज किए गए। इसमें अब तक 855 से ज्यादा गिरफ्तारी भी हो चुकी है। 184 मामलों में पीड़िताओं ने न्यायालय के समक्ष जबर्दस्ती कनवर्जन की बात भी कबूल की है। वहीं नाबालिगों के कनवर्जन के अब तक 66 मामले दर्ज किए गए हैं।
यूपी में कनवर्जन से जुड़े कुल 433 मामले दर्ज किए गए। इसमें बरेली जोन में सर्वाधिक 86 मुकदमे दर्ज हुए। गोरखपुर में 61, लखनऊ में 55, मेरठ में 47, प्रयागराज में 46, वाराणसी में 40 मामले दर्ज किए गए। कमिश्नरेट की बात करें तो लखनऊ व कानपुर में 20-20, प्रयागराज में 14, नोएडा में 10 मामले दर्ज किए गए। वहीं आरोपियों की गिरफ्तारी पर नजर दौड़ाएं तो सबसे अधिक आरोपी प्रयागराज जोन से गिरफ्तार भी हुए। इन मामलों में कार्रवाई करते हुए प्रयागराज जोन की पुलिस ने 163 आरोपियों को धर-दबोचा। बरेली में 137 गिरफ्तारियां की गईं। लखनऊ में 124, वाराणसी में 115, गोरखपुर में 86, मेरठ में 65, आगरा जोन में 37, कानपुर में कनवर्जन 21 आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़े।
कौशांबी के पश्चिम शरीरा थाना क्षेत्र के आषाढा गांव में फरवरी 2023 में महिला की लाश उसके घर में मिली। महिला मऊ से आकर प्रेमी आरिफ के साथ 2 बेटियों को लेकर रह रही थी। प्राथमिक जांच में आरिफ पर लव जिहाद, संपत्ति हड़पने व कनवर्जन का आरोप लगा। महिला के पहले पति की मौत के बाद उसकी संपत्ति के कारण ऐंबुलेंस चालक आरिफ ने उसे फंसा लिया। आरिफ ने चंदा की संपत्ति को हड़पने के लिए आषाढा गांव में जमीन खरीद कर घर बनवा लिया। इसके बाद वह लगातार चंदा पर कनवर्जन का दबाव बना रहा था। जांच में आरिफ के मां-पिता और सौ से अधिक अज्ञात पर एफआईआर की गई। इसमें पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आरिफ को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया।
वहीं बरेली में 23 जून को एक छात्रा को मुस्लिम लड़का फिरोज उत्तराखंड के कलियर ले गया। मजार में जबरन इबादत के तरीके सिखाए। निकाह के लिए दबाव बनाया। पुलिस ने सूचना पर तत्काल मुकदमा दर्ज कर आरोपी को जेल भेजा। 25 अगस्त 2022 को पीलीभीत के जहानाबाद का रहने वाला आरोपी चांद बाबू ने डॉ. विशाल बनकर मुरादाबाद की हिंदू युवती से मिला। उसके आपत्तिजनक फोटो और वीडियो बनाए। उसके धर्मांतरण की कोशिश की। जबकि आरोपी पहले से ही 2 बच्चों का पिता था। पुलिस ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा। ऐसे कई मामलों में पुलिस की कार्रवाई नजीर बनी। बरेली के इज्जतनगर का रहने वाला वसीम अंसारी, रवि शर्मा बनकर युवती से मिला। दोनों की दोस्ती हो गई। 5 साल तक उसने शारीरिक शोषण किया। जब लड़की को फेसबुक के जरिए उसका असली नाम पता लगा तो उसने मुकदमा दर्ज कराया। आरोपी वसीम अंसारी टाइल्स मिस्त्री निकला। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
उत्तर प्रदेश में कनवर्जन कराने वालों पर योगी सरकार की सख्ती का असर है कि ऐसे मामले अब नजर नहीं आ रहे। प्रदेश में 27 नवंबर 2020 में गैर कानूनी धार्मिक रूपांतरण निषेध कानून लागू किया गया। इसके तहत यूपी में धर्मांतरण कानून के तहत दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को अपराध की गंभीरता के आधार पर 10 साल तक की जेल हो सकती है। कानून में जुर्माने की राशि 15 हजार से 50 हजार तक है। अंतर-धार्मिक विवाह करने वाले जोड़ों को शादी करने से दो महीने पहले जिला मजिस्ट्रेट को सूचित करना होता है। जबरन कनवर्जन कराने पर न्यूनतम 15 हजार रुपये के जुर्माने के साथ एक से पांच साल की कैद का प्रावधान है। एससी/एसटी समुदाय के नाबालिगों और महिलाओं के कनवर्जन पर तीन से 10 साल की सजा का प्रावधान है। जबरन सामूहिक कनवर्जन के लिए तीन से 10 साल जेल और 50 हजार रुपये जुर्माना लगेगा। कानून के मुताबिक अगर विवाह का एकमात्र उद्देश्य महिला का कनवर्जन कराना था, तो ऐसी शादियों को अवैध करार दिया जाएगा।
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