बदल रही है भारत की शिक्षा प्रणाली : प्रधानमंत्री मोदी
July 22, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

बदल रही है भारत की शिक्षा प्रणाली : प्रधानमंत्री मोदी

पीएम ने कहा कि टेक्नोलॉजी से जानकारी मिल सकती है, लेकिन सही दृष्टिकोण नहीं। सिर्फ एक गुरु ही बच्चों को ये समझने में मदद कर सकता है कि कौन सी जानकारी उपयोगी है और कौन सी नहीं।

by WEB DESK
May 12, 2023, 02:21 pm IST
in भारत, गुजरात
श्री नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री

श्री नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि 21वीं सदी के तेजी से बदलते समय में भारत की शिक्षा प्रणाली बदल रही है और शिक्षक और छात्र भी बदल रहे हैं। इन बदलती परिस्थितियों में हम कैसे आगे बढ़ेंगे यह तय करना महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने गुजरात के गांधीनगर में अखिल भारतीय शिक्षा संघ अधिवेशन को संबोधित करते हुए अपनी बात रख रहे थे। उन्होंने कहा कि आज भारत, 21वीं सदी की आधुनिक आवश्कताओं के मुताबिक नई व्यवस्थाओं का निर्माण कर रहा है। ‘नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ इसी को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। उन्होंने कहा कि हम इतने वर्षों से स्कूलों में पढ़ाई के नाम पर अपने बच्चों को केवल किताबी ज्ञान दे रहे थे। ‘नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ उस पुरानी अप्रासंगिक व्यवस्था को परिवर्तित कर रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रेक्टिकल पर आधारित है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति, मातृभाषा में शिक्षण को बढ़ावा देती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में जो एक बड़ा प्रावधान किया गया है, वो हमारे गांव-देहात और छोटे शहरों के शिक्षकों की बहुत मदद करने वाला है। ये प्रावधान मातृभाषा में पढ़ाई का है। उन्होंने कहा कि आज हमें समाज में ऐसा माहौल बनाने की भी जरूरत है जिसमें लोग शिक्षक बनने के लिए स्वेच्छा से आगे आएं। प्रधानमंत्री ने हर स्कूल का जन्मदिन मनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि स्कूल और स्टूडेंट के बीच डिस्कनेक्ट को दूर करने के लिए ये परंपरा शुरू की जा सकती है कि स्कूलों का जन्मदिन मनाएं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात में रहते हुए मेरा प्राथमिक शिक्षकों के साथ मिलकर राज्य की पूरी शिक्षा व्यवस्था को बदलने का अनुभव रहा है। एक जमाने में गुजरात में ड्रॉप आउट रेट करीब 40 प्रतिशत के आस-पास हुआ करता था और आज 3 प्रतिशत से भी कम रह गई है। ये गुजरात के शिक्षकों के सहयोग से ही संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि गुजरात में शिक्षकों के साथ मेरे जो अनुभव रहे, उसने राष्ट्रीय स्तर पर भी नीतियां बनाने में हमारी काफी मदद की है। प्रधानमंत्री ने भारतीय शिक्षकों के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि भूटान राज परिवार के सीनियर ने उन्हें बताया कि उन सब को हिंदुस्तान के शिक्षकों ने पढ़ाया-लिखाया है। ऐसे ही सऊदी अरब के किंग के बचपन में शिक्षक गुजरात (भारत) से ही थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज की पीढ़ी के छात्रों की जिज्ञासा, उनका कौतूहल, एक नया चैलेंज लेकर आया है। ये छात्र आत्मविश्वास से भरे हैं, वो निडर हैं। उनका स्वभाव टीचर को चुनौती देता है कि वो शिक्षा के पारंपरिक तौर-तरीकों से बाहर निकलें। छात्रों के पास सूचना के अलग-अलग स्रोत हैं। इसने भी शिक्षकों के सामने खुद को अद्यतन (अपडेट) रखने की चुनौती पेश की है। इन चुनौतियों को एक टीचर कैसे हल करता है, इसी पर हमारी शिक्षा व्यवस्था का भविष्य निर्भर करता है। सबसे अच्छा तरीका ये है कि इन चुनौतियों को निजी और व्यावसायिक विकास अवसर के तौर पर देखा जाए। ये चुनौतियां हमें सीखना, भूलना और फिर से सीखना करने का मौका देती हैं।

उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी से जानकारी मिल सकती है लेकिन सही दृष्टिकोण नहीं। सिर्फ एक गुरु ही बच्चों को ये समझने में मदद कर सकता है कि कौन सी जानकारी उपयोगी है और कौन सी नहीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब जानकारी की भरमार हो तो छात्रों के लिए ये महत्वपूर्ण हो जाता है कि वे कैसे अपना ध्यान केंद्रित करें। ऐसे में ध्यान लगा के पढ़ना और उसे तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। इसलिए 21वीं सदी के छात्र के जीवन में शिक्षक की भूमिका और ज्यादा बृहद हो गई है।

(सौजन्य सिंडिकेट फीड)

Topics: राष्ट्रीय शिक्षा नीतिNational Education Policyशिक्षा प्रणालीभारत की शिक्षा प्रणालीअखिल भारतीय शिक्षा संघ अधिवेशनEducation System of IndiaAll India Education Association Conventionपीएम मोदीPM ModiEducation System
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

Pahalgam terror attack

घुसपैठियों पर जारी रहेगी कार्रवाई, बंगाल में गरजे PM मोदी, बोले- TMC सरकार में अस्पताल तक महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं

PM मोदी का मिशन : ग्लोबल साउथ के नेतृत्व के लिए तैयार भारत

उत्तराखंड : PM मोदी से मिले सीएम धामी, उत्तराखंड के लिए मांगी सहायता

Supreme Court

अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कुछ भी पोस्ट नहीं कर सकते, SC ने कार्टूनिस्टोंं और स्टैंडअप कॉमेडियनों पर की सख्त टिप्पणी

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट ने RSS और PM मोदी पर अपमानजनक कार्टून मामले में दिखाई सख्ती, कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय की जमानत खारिज

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

सीरिया में ड्रूज समुदाय के हजारों लोगों की हत्या की गई है।

सीरिया में हजारों ड्रूज़ लोगों की हत्याएं: मगर क्यों? विमर्श में इतना सन्नाटा क्यों?

शशि थरूर कांग्रेस के लिए जरूरी या मजबूरी..?

उत्तराखंड छात्रवृत्ति घोटाला: CM धामी ने SIT जांच के दिए निर्देश, सनातनी स्कूलों के नाम का दुरुपयोग कर हुआ मुस्लिम घपला

ऑनलाइन गेम्स के दुष्प्रभाव सामने आने लगे हैं।

ऑनलाइन गेम्स की लत से परिवार तबाह, महाराष्ट्र में बैन की उठी मांग !

हिंदू वेश में उन्माद की साजिश नाकाम : मुजफ्फरनगर में 5 मुस्लिम गिरफ्तार, कांवड़ियों के बीच भगवा वेश में रच रहे थे साजिश

10 हजार साल पुराना है भारत का कृषि का ज्ञान-विज्ञान, कपड़ों का निर्यातक भी था

चाकू दिखाकर डराता युवक

महाराष्ट्र: युवक ने स्कूल से घर लौटी छात्रा की गर्दन पर चाकू रख किया ड्रामा, भीड़ ने जमकर की धुनाई

नशेड़ी हुआ अलगाववादी अमृतपाल! : पंजाब में नशे से छुड़ाने के नाम पर फैलाया कट्टरपंथी जहर

उत्तराखंड में पीएम ई-बस सेवा की तैयारी

उत्तराखंड में जल्द शुरू होगी पीएम ई-बस सेवा : सीएम धामी

एयर इंडिया के विमान में लगी आग (फोटो - प्रतीकात्मक)

एयर इंडिया के विमान में लगी आग, दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंडिंग के समय हुआ हादसा

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies