पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री एवं पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख इमरान खान की मुश्किलें बुधवार को उस समय और बढ़ गईं, जब उन्हें तोशाखाना मामले में दोषी करार दिया गया। अब उन्हें सजा सुनाई जाएगी, जिससे उनका जेल जाना तय हो गया है। हालांकि अल-कादिर ट्रस्ट मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया गया है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री खान को इस्लामाबाद पुलिस लाइन में न्यायाधीशों के समक्ष पेश किया गया, जिसे मंगलवार देर रात ‘एकमुश्त व्यवस्था’ के रूप में अदालत का दर्जा दिया गया।
इमरान खान पहले जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश मोहम्मद बशीर के समक्ष पेश हुए, जिन्होंने बचाव पक्ष और वादी की दलीलें पूरी होने के बाद अल-कादिर ट्रस्ट गबन मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया। राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने 14 दिन की रिमांड का अनुरोध किया था, जो कानून में अधिकतम अनुमति है।
खान को भ्रष्टाचार के मामले में स्वायत्त भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी एनएबी के आदेश पर रेंजर्स ने मंगलवार को गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें पूछताछ के लिए रावलपिंडी स्थित कार्यालय ले जाया गया। बाद में, खान की गिरफ्तारी पर फैसला सुरक्षित रखने की घोषणा करते हुए इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी कानूनी थी, इसलिए खान की कानूनी टीम ने सुप्रीम कोर्ट में फैसले को चुनौती दी। हालांकि, शीर्ष अदालत ने विभिन्न कारणों का हवाला देते हुए याचिका खारिज कर दी।
उल्लेखनीय है कि इमरान पर प्रधानमंत्री रहने के दौरान मिले तोहफों को तोशाखाने से सस्ते दाम पर लेकर महंगे दाम पर बेचने का आरोप है।
14 दिन की हिरासत की मांग वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित
वहीं पाकिस्तान की एक जवाबदेही अदालत ने अल-कादिर ट्रस्ट मामले में इमरान खान को 14 दिन की हिरासत में भेजने की राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) की याचिका पर बुधवार को फैसला सुरक्षित रख लिया।
खान की गिरफ्तारी पर फैसला सुरक्षित रखने की घोषणा करते हुए इस्लामाबाद हाई कोर्ट (आईएचसी) ने कहा कि गिरफ्तारी कानूनी थी। एनएबी अदालत में सुनवाई की शुरुआत में एनएबी ने 14 दिन की रिमांड मांगी। हालांकि, पीटीआई के वकीलों ने इसका विरोध किया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार खान की कानूनी टीम को सुनवाई से पहले पार्टी प्रमुख से मिलने की अनुमति देने से इनकार कर दिया गया था। हालांकि, सुनवाई शुरू होने के बाद खान ने वकील ख्वाजा हारिस, फैसल चौधरी, अली गौहर और अली बुखारी के साथ चर्चा की।
विशेष अभियोजक राफे मकसूद, उप अभियोजक मुजफ्फर अब्बासी, अभियोजक सरदार जुल्करनैन और जांच अधिकारी मियां उमर नदीम सहित भ्रष्टाचार निरोधक निगरानी संस्था के कई अधिकारी अदालत में मौजूद थे। एनएबी के अभियोजक ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मोहम्मद बशीर को सूचित किया कि खान को गिरफ्तारी के समय वारंट दिखाया गया था। हालांकि, पीटीआई प्रमुख ने दावों का खंडन करते हुए कहा कि उन्होंने एनएबी कार्यालय पहुंचने के बाद गिरफ्तारी वारंट देखा।
क्या-क्या हुआ कोर्ट रूम के अन्दर
अब्बासी ने न्यायाधीश को आश्वासन दिया कि पीटीआई प्रमुख के वकीलों को सभी आवश्यक दस्तावेज मुहैया कराए जाएंगे। न्यायाधीश ने ब्रेक लेते हुए कानूनी टीम को खान के साथ चर्चा करने का निर्देश दिया क्योंकि खान ने शिकायत की थी कि अधिकारियों ने सुनवाई से पहले उन्हें अपने मुवक्किल से मिलने की अनुमति नहीं दी।
ब्रेक के बाद जब सुनवाई फिर से शुरू हुई तो ख्वाजा हारिस ने खान की गिरफ्तारी की वैधता के बारे में दलील दी। अब्बासी ने मामले का ब्योरा साझा करते हुए कहा कि ब्रिटेन की राष्ट्रीय अपराध एजेंसी ने धन जब्त कर लिया और इसे वापस पाकिस्तान सरकार को भेज दिया। वकील हारिस की दलील पूरी होने के बाद खान ने शिकायत की कि कौन सा रिकॉर्ड है जो “एंटी ग्राफ्ट वाच डॉग” मांग रहा है कि वह अधिकारियों के साथ साझा नहीं कर रहे हैं।
खान ने कहा कि एनएबी कह रहा है कि वे रिकॉर्ड संकलित करना चाहते हैं। उन्होंने सवाल किया कि उन्होंने किसी भी रिकॉर्ड तक पहुंच से कब इनकार किया। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी लेनदेन कैबिनेट की मंजूरी के बाद किए गए थे। कल की घटनाओं को याद करते हुए खान ने न्यायाधीशों से डॉक्टरों की उनकी टीम, विशेष रूप से डॉ. फैसल को बुलाने का आग्रह किया।
‘विशेष स्थान’ पर सुनवाई
खान को संघीय राजधानी में एक नियमित अदालत में नहीं लाया गया बल्कि उनकी निर्धारित सुनवाई उस स्थान पर हुई थी, जहां वह हिरासत में थे। पाकिस्तान सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि इस्लामाबाद के मुख्य आयुक्त ने पहले कहा था कि खान को एफ-8 कोर्ट कॉम्प्लेक्स और न्यायिक परिसर जी 11/4 में ले जाने के बजाय न्यू पुलिस गेस्ट हाउस, पुलिस लाइन में पेश किया जाएगा, जिसे इस विशेष सुनवाई के लिए अदालत का एकबारगी दर्जा दिया गया है। खान को एनएबी अदालत की बजाय विशेष अदालत में पेश करने का फैसला उनकी जान को खतरे को देखते हुए लिया गया था। सूत्रों के अनुसार पीटीआई प्रमुख को बीती देर रात एनएबी कार्यालय से किसी अज्ञात स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की चुनौती वाली याचिका
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें इमरान खान की गिरफ्तारी को ‘कानूनी’ बताने के इस्लामाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी।
इमरान की पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष फवाद चौधरी की अध्यक्षता वाली पीटीआई की कानूनी टीम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। इसमें अनुरोध किया गया कि इस्लामाबाद हाई कोर्ट से 09 मई को पारित आदेश के खिलाफ अपील करने की अनुमति दी जाए। अरशद अली चौधरी की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि, “पक्षकारों को सुनने के बाद एनएबी अध्यक्ष के 01 मई को जारी वारंट को शून्य घोषित करके आरोपित को तुरंत रिहा करने का निर्देश दिया जा सकता है। हालांकि, पार्टी की यह याचिका सौंपे जाने के कुछ ही मिनट बाद रजिस्ट्रार कार्यालय ने लौटा दी।
रजिस्ट्रार कार्यालय ने कहा कि पीटीआई प्रमुख ने संबंधित मंच से संपर्क नहीं किया और कहा कि वह इंट्रा कोर्ट अपील दायर कर सकते हैं। इसमें आगे कहा गया है कि याचिका पर पीटीआई प्रमुख के हस्ताक्षर नहीं हैं।
टिप्पणियाँ