दिल्ली के साकेत कोर्ट ने बहुचर्चित श्रद्धा हत्याकांड के आरोपी आफताब के खिलाफ हत्या का आरोप तय कर दिया है। एडिशनल सेशंस जज मनीषा खुराना कक्कड़ ने आफताब पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 201 (सबूतों को नष्ट करने) के तहत आरोप तय किए।
सुनवाई के दौरान आफताब ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार कर दिया और ट्रायल का सामना करने की बात कही। आरोप तय करने के मामले पर 15 अप्रैल को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। 31 मार्च को आफताब की ओर से कहा गया था कि जेल में आफताब के साथ दूसरे कैदियों ने मारपीट की है। उसके बाद कोर्ट ने जेल प्रशासन को आफताब की पेशी के दौरान सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम करने का निर्देश दिया था। 25 मार्च को आफताब ने अपना वकील दोबारा बदल लिया था। आफताब ने विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से मिले वकील को बदलते हुए वकील अक्षय भंडारी को अपना वकील नियुक्त किया था।
दिल्ली पुलिस ने 20 मार्च को साकेत कोर्ट को बताया था कि आफताब ने सोच-समझकर घटना को अंजाम दिया है। दिल्ली पुलिस ने कहा था कि परिस्थिति जन्य साक्ष्य से पता चलता है कि श्रद्धा और आफताब का लिव-इन रिलेशन हिंसक था। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि श्रद्धा प्रैक्टो ऐप के जरिये डॉक्टरों से परामर्श भी ले रही थी।
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में श्रद्धा की काउंसलिंग का वीडियो प्ले कर दिखाया था, जिसमें श्रद्धा कह रही है कि आफताब उसको खोज लेगा और मार देगा। इतना ही नहीं, श्रद्धा ने आरोप भी लगाया था कि आफताब उसको मारकर टुकड़ों में काटने की भी धमकी देता था और आफताब ने उसे मारने की भी कोशिश की थी। दिल्ली पुलिस ने कहा था जांच के दौरान पुलिस को श्रद्धा की हड्डी, जबड़ा और खून के निशान मिले। श्रद्धा के खून फ्रीज और कमरे की अलमारी में लगे हुए मिले।
आफताब पर आरोप है कि उसने श्रद्धा की हत्या कर उसके शरीर के करीब तीस टुकड़े कर दिए थे। शव के इन टुकड़ों को फ्रिज में रखा हुआ था। वो शव के अंगों को अलग-अलग स्थानों पर ले जाकर फेंकता था। बाद में पुलिस ने आफताब की निशानदेही पर श्रद्धा के कई अंगों को बरामद किया।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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