मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर शासन द्वारा दिशा निर्देश जारी किए गए हैं कि राज्य के समस्त विद्यालयों में कक्षा 11 एवं 12 में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रतिभाग किए जाने की आवश्यकता के दृष्टिगत स्थायी निवास, जाति एवं आय तथा अन्य आवश्यक प्रमाण-पत्र विद्यालय में ही उपलब्ध कराए जाएं।
इस संबंध में सचिव शैलेश बगोली ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को दिशा निर्देश जारी करते हुए कहा है कि छात्रों को आवश्यक प्रमाण-पत्र की आवश्यकता एवं इन प्रमाण-पत्रों को प्राप्त करने में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के दृष्टिगत राज्य के समस्त विद्यालयों में ”अपणों स्कूल, अपणू प्रमाण” नामक पहल के तहत कक्षा 11 एवं 12 में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को स्थायी निवास, जाति एवं आय तथा अन्य आवश्यक प्रमाण-पत्र विद्यालयस्तर पर ही उपलब्ध कराए जाने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने आदेश जारी किए हैं कि जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में मुख्य शिक्षा अधिकारी को सम्मिलित करते हुए समिति का गठन किया जाए। समिति द्वारा जनपद स्तर पर कक्षा 11 एवं 12 में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की संख्या का आंकलन किया जाएगा। तहसील स्तर पर उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति से विद्यालय में भ्रमण करने वाली टीमों (पटवारी, लेखपाल, कानूनगो एवं सीएससी के डाटा एंड्री ऑपरेटर) का तिथिवार रोस्टर तैयार करवाया जाएगा। निवास स्थान, चरित्र, आय एवं पर्वतीय प्रमाण-पत्र एवं अन्य प्रमाण पत्र निर्गत किए जाने की प्रक्रिया हेतु टाइमफ्रेम का निर्धारण करते हुए कार्ययोजना तैयार की जाएगी। जनपद स्तर पर उक्त कार्यक्रम का साप्ताहिक अनुश्रवण एवं निगरानी की जाएगी।
तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में खण्ड शिक्षा अधिकारियों को सम्मिलित करते हुए समिति का गठन किया जाए। समिति द्वारा तैयार रोस्टर की सूचना से संबंधित विद्यालयों को अवगत कराने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। प्रमाण-पत्रों हेतु आवश्यक दस्तावेजों की सूचना प्रधानाचार्यों, छात्र-छात्राओं, अभिभावकों तथा स्थानीय जनप्रतिनिधियों को उपलब्ध कराई जाएगी।
तहसील स्तर पर इस कार्यक्रम का दैनिक अनुश्रवण एवं निगरानी की जाएगी। कार्रवाई के पश्चात तहसीलदार स्तर से दैनिक निगरानी के अंतर्गत तिथिवार रोस्टर के अनुसार पटवारी, लेखपाल, कानूनगो एवं सीएससी के डाटा एंट्री ऑपरेटर की टीम द्वारा संबंधित विद्यालय का भ्रमण किया जाएगा तथा प्रधानाचार्य से प्रभावी समन्वय स्थापित करते हुए प्रमाण-पत्र हेतु आवश्यक शुल्क, दस्तावेज, ऑनलाइन, ऑफलाइन माध्यम से तहसीलदार, उपजिलाधिकारी कार्यालयों को प्रेषित किए जाएंगे।
आवश्यक शुल्क, दस्तावेज प्राप्त होने के उपरान्त तहसीलदार, उपजिलाधिकारी कार्यालय द्वारा प्रमाण-पत्र निर्गत करते हुए उक्त प्रमाण-पत्र, छात्र-छात्राओं को वितरित किए जाने हेतु एक सप्ताह के अंदर अनिवार्य रूप से संबंधित विद्यालय के प्रधानाचार्य को उपलब्ध करा दिया जाएगा।
टिप्पणियाँ