रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रादेशिक सेना (टीए) की महिला अधिकारियों को पाकिस्तान से लगी नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर टीए की इंजीनियर रेजीमेंटों के साथ तैनात करने को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा संगठन की जरूरत के अनुसार नई दिल्ली में प्रादेशिक सेना महानिदेशालय के मुख्यालय में कर्मचारी अधिकारियों के रूप में नियुक्ति की जाएगी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रादेशिक सेना (टीए) की महिला अधिकारियों की नियंत्रण रेखा पर प्रादेशिक सेना की इंजीनियर रेजिमेंटों के साथ और नई दिल्ली में टीए समूह मुख्यालय में कर्मचारी अधिकारियों के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। इस नीतिगत फैसले का उद्देश्य महिला अधिकारियों के रोजगार के दायरे को बढ़ाने के साथ-साथ उनकी पेशेवर आकांक्षाओं को पूरा करना है। वे अब इकाइयों और नियुक्तियों की एक विस्तृत श्रृंखला में अपने पुरुष समकक्षों के समान शर्तों के तहत सेवा और प्रशिक्षण देंगी।
टेरिटोरियल आर्मी ने 2019 से इकोलॉजिकल टास्क फोर्स यूनिट्स, टीए ऑयल सेक्टर यूनिट्स और टीए रेलवे इंजीनियर रेजिमेंट में महिला अधिकारियों की कमीशनिंग शुरू की थी। इस अवधि के दौरान प्राप्त अनुभव के आधार पर टीए में महिला अधिकारियों के लिए और अधिक रोजगार का दायरा बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। प्रादेशिक सेना नागरिक सैनिकों की सेना की अवधारणा पर आधारित है और अधिकारी नागरिक जीवन में लाभकारी रूप से कार्यरत रहते हुए बुनियादी सैन्य कौशल पर वार्षिक प्रशिक्षण से गुजरते हैं।
प्रादेशिक सेना भारतीय सेना की एक इकाई है, जिसके स्वयंसेवकों को प्रतिवर्ष कुछ दिनों का सैनिक प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि जरूरत पड़ने पर देश की रक्षा के लिये उनकी सेवाएं ली जा सकें। पाकिस्तान के साथ हुए तीन युद्धों में प्रादेशिक सेना के स्वयंसेवकों की सेवाएं ली गईं थीं। इसके अलावा ऑपरेशन पवन, ऑपरेशन रक्षक, उत्तर पूर्व में ऑपरेशन राइनो और ऑपरेशन बजरंग में योगदान दिया है। अब तक प्रादेशिक सेना को 2 अति विशिष्ट सेवा पदक, 15 विशिष्ट सेवा पदक, 5 वीर चक्र, 13 सेना मेडल, 25 मेन्शंड इन डिस्पैच और 43 सेना प्रमुख प्रशस्ति पत्र दिए जा चुके हैं।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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