पिछले दिनों एक तस्वीर वायरल हुई। इस तस्वीर में दावा किया गया था कि यह तस्वीर पाकिस्तान की है, जहाँ पर लोग अपनी बेटियों की कब्र में ताला डाल रहे हैं, जिससे उनकी बेटियों के शव सुरक्षित रहें। यह तस्वीर हैरिस सुलतान ने साझा की थी और देखते ही देखते वह वायरल हो गयी। हालांकि बाद में पता चला कि वह पाकिस्तान की न होकर भारत में हैदराबाद की थी और एक बुजुर्ग महिला की थी, और ताला इसलिए डाला गया था जिससे कोई उस पर और दूसरी कब्र न बना सके।
यह तस्वीर और उस पर किए जा रहे दावे भ्रामक थे, परन्तु इस बहाने जो सत्य था, उसे ही नकारने का प्रयास किया गया, इतना ही नहीं फिर से एक बार सोशल मीडिया का प्रयोग तस्वीर को भ्रामक बताए जाने से अधिक उस तथ्य को नकारने पर था, जिस तथ्य के विषय में तो पाकिस्तानी मीडिया भी खुलकर बात करता है और वह कब्रों को खोदकर बलात्कार करना।
भारत में एक बड़ा वर्ग ऐसा है जो आंकड़ों के खेल में या कभी कभी भ्रामक तस्वीरों के आवरण में सत्य को छिपाने का व्यापार करते हैं। वह यह दिखाने का प्रयास करते हैं कि दरअसल समस्या है ही नहीं, परन्तु समस्या होती है और वह इस हद तक अधिक होती है कि कहीं की तस्वीर को भी उसी के साथ जोड़ लिया जाता है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि ऐसा क्यों किया जाता है?
प्रश्न यह उठता है कि क्या ऐसी घटनाएं नहीं होती हैं? यहाँ किसी भी दुराग्रह से परे होकर मात्र तथ्यों को ही संज्ञान में लिया जाए तो क्या यह बात सत्य नहीं है कि यह पाकिस्तान ही है जहाँ से यह समाचार आया था कि रियाज़ नामक एक व्यक्ति ने लगभग 50 महिलाओं के शवों के साथ बलात्कार किया था? जैसे ही यह समाचार सामने आया था, वैसे ही संभवतया वह सत्य उद्घटित हुआ था, जिसके चलते भारत में सदियों पूर्व हिन्दू स्त्रियाँ जौहर कर लेती होंगी? क्योंकि वह अपने शवों के साथ उस हैवानियत की कल्पना भी नहीं कर पाती होंगी!
मगर जहां लोग इस बात को लेकर भारत को कोस रहे थे कि भारत का मीडिया गलत खबर फैला रहा है, तो वहीं एक वीडियो भी साझा किया जा रहा था, जो इतना वायरल हुआ था और जो इतना घिनौना था कि लोगों ने सहज ही उस तस्वीर पर विश्वास कर लिया था। वह रियाज़ नामक आदमी का कुबूलनामा कि उसने लगभग 48 औरतों की लाशों के साथ बलात्कार किया था। उसने बताया था कि कैसे वह कब्र को खोदकर अन्दर जाते थे और फिर बलात्कार करते थे
Can you believe this, Even dead bodies of women are being rape in Pakistan.🤦♂️🤦🤦♂️#NationStandswithCJP #الیکشن_پاکستان_کی_ضرورت #MuradSaeedForPeace #یوتھیا_ساس_اور_بغض_نواز #ہم_ختم_نبوت_کےپاسبان Gabriel #Amrtsar #delhimetro #GirlsinICT #AEWDynamite https://t.co/F2dYrBbdm8
— Shahbaaz (@ShehbaazKashmir) April 27, 2023
जो महिला पूछ रही थी, वह भी हैरान और भौचक्की रह गयी थी कि ऐसा कोई कैसे कर सकता है? मगर जब एक बड़ा वर्ग उस भ्रामक तस्वीर को नकार रहा था तो वह उस समय रियाज के अपराधों को भी नकार कर उसे सेफ पैसेज दे रहा था। ऐसी ही एक घटना सामने आई थी 5 मई 2022 को जब पाकिस्तान के गुजरात में चाक कमाल में एक गाँव में एक लड़की की कब्र खोदकर उसके साथ बलात्कार कर लिया था। उसका शरीर पूरी तरह से ढका हुआ था और जमीन से लगभग 8 फीट नीचे उसकी कब्र थी
TRIGGER WARNING:
A girl died in village Chak Kamala, Gujrat on 2nd day of Eid and today (Unidentified) Men dug up her grave and raped the dead body. Not only her body was completely covered but also she was almost 8ft under the ground. It's really tough to be a Woman in Pakistan. pic.twitter.com/EyYwKSQM8j— Rumpoptarts. (@rumpoptarts) May 5, 2022
ऐसी ही एक और घटना सामने आई थी पाकिस्तान के पंजाब के ओकारा से, जिसमें जोया शरीफ गाँव में अशरफ को महिला के शव के साथ बलात्कार करते हुए रंगे हाथों पकड़ा था। https://www.thenews.com.pk में 1 मार्च 2020 को प्रकाशित समाचार के अनुसार अशरफ अपने भतीजे के साथ रह रहा था, जो उस कब्रिस्तान की देखरेख करता था। जब वहां पर कब्रों को दफनाने वाले लोगों को कब्र खुली देखकर शक हुआ तो उन्होंने उसे रंगे हाथ पकड़ा था।
ऐसी ही एक और घटना वर्ष 2021 में आई थी। जब पाकिस्तान में सिंध में एक थट्टा जिले के गांव असरफ चांडीओ में दफन की गई एक 14 साल की लड़की की लाश को आरोपी ने कब्र से बाहर निकाल लिया था और फिर उसके साथ बलात्कार किया था।
ऐसी और भी घटनाएं होंगी, जो हो सकता है कि मीडिया में न आ पाई हों। यही कारण था कि जब ऐसी तस्वीर वायरल हुई और वह भी हैरिस सुलतान जैसे हैंडल ने साझा की थी तो लोगों ने उस पर सहज विश्वास कर लिया। और लेख लिख दिए। क्योंकि आंकड़े यह गवाही दे रहे थे कि ऐसा वहां पर होता है, तो माता-पिता अपनी बेटी के शव की रक्षा के लिए यह सब करेंगे ही करेंगे।
परन्तु फैक्ट चेक करने वाले लोगों ने तस्वीर को झूठा ठहराने के नाम पर उस तथ्य को ही नकारने का प्रयास किया, जो नेट पर उपलब्ध है। जिन लोगों ने तत्परता से तस्वीर को नकारा क्या इन तथ्यों को नकार सकते हैं? हालांकि जिन लोगों ने भारत की मीडिया और विशेषकर हिन्दुओं को इस तस्वीर को लेकर घेरने की कोशिश की, उन्हें सोशल मीडिया पर लोगों ने वह तमाम लिंक प्रदान किए जो पूर्व में घटित ऐसी घटनाओं के थे।
अब यह विडंबना ही है कि एक स्थान अपने यहाँ घटित घटनाओं के चलते इतना बदनाम हो जाता है कि कोई भी तस्वीर उन घटनाओं के आधार पर उसकी ही मान ली जाती है और उन घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के स्थान पर तस्वीर को झूठा बताने पर जोर दिया जाता है!
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