उत्तराखंड में एक बार फिर पाञ्चजन्य की खबर का बड़ा असर हुआ है। 14 अप्रैल को पाञ्चजन्य ने एक जानकारी अपने पाठकों को दी थी कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में भी एक कब्रिस्तान बना दिया गया है। खास बात ये कि इसकी जानकारी कॉर्बेट के निदेशक, राज्य के वन्य जीव प्रतिपालक को भी नहीं थी।
इस खबर के प्रकाशित होने के बाद कॉर्बेट प्रशासन ने जांच पड़ताल की और पाया कि ढिकुली ग्राम के पास कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की सीमा के भीतर एक कब्रिस्तान बना हुआ है, जहां कच्ची कब्रे हैं। जानकारी के मुताबिक यहां मनिहारी मुस्लिम बिरादरी के शव दफनाए गए हैं। उनके शव यहां क्यों और उन्हें राम नगर कब्रिस्तान में क्यों नहीं दफनाया गया? इस बात की जानकारी नहीं मिली है।
बहरहाल कॉर्बेट प्रशासन ने खबर के तीन हफ्ते बाद बोर्ड हटाए जाने की जानकारी दी है। उत्तराखंड के वन्यजीव प्रतिपालक डॉ समीर सिन्हा ने बताया कि कब्रिस्तान का बोर्ड हटा दिया गया है और यहां तारबाड़ लगा कर यहां प्रवेश निषेध किया जा रहा है क्योंकि ये टाइगर रिजर्व है यहां किसी को भीतर जाने की अनुमति नही दी जा सकती है। उन्होंने बताया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से अवैध मजारें भी हटाई जाएंगी।
रामनगर और तराई फॉरेस्ट से हटाई गईं मजारें
जानकारी के मुताबिक फॉरेस्ट विभाग ने तराई और रामनगर फॉरेस्ट डिवीजन में एक दर्जन से अधिक अवैध मजारों को ध्वस्त कर दिया है। अभी अन्य अवैध मजारों को पर भी कार्रवाई की जा रही है।
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