दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में ईडी की ओर से चौथी चार्जशीट दाखिल की गई। इसमें दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आरोपित बनाया गया है। स्पेशल कोर्ट इस चार्जशीट पर संज्ञान लेने के लिए 6 मई को सुनवाई करेगा।
ईडी की चौथी चार्जशीट 2100 पेज की है। सिसोदिया इस मामले में 29वें आरोपित हैं। एक मई को कोर्ट ने ईडी की ओर से दाखिल तीसरी चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। स्पेशल जज एमके नागपाल ने तीसरी चार्जशीट में बनाए गए सभी आरोपितों को 10 मई को कोर्ट में पेश होने के लिए समन जारी किया है। ईडी ने छह अप्रैल को तीसरी चार्जशीट दाखिल किया था। ईडी ने तीसरी चार्जशीट में तीन लोगों को आरोपित बनाया है। इनमें राजेश जोशी, राघव मगुंटा और गौतम मल्होत्रा का नाम शामिल है।
ईडी ने कोर्ट को बताया कि गौतम मल्होत्रा को सात फरवरी, राजेश जोशी को आठ फरवरी और राघव मगुंटा को 10 फरवरी को गिरफ्तार किया था। ईडी ने कहा है कि करीब ढाई करोड़ रुपये पहले अमित अरोड़ा को दिए गए और फिर दिनेश अरोड़ा को दिए गए। आखिरकार ये रकम आप नेताओं को दिए गए।
छह जनवरी को ईडी ने दिल्ली शराब घोटाले में दूसरी चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट में 12 को आरोपित किया गया, जिसमें पांच व्यक्तियों और सात कंपनियों के नाम हैं। आरोपितों में विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली, शरद चंद्र रेड्डी, विनय बाबू और अमित अरोड़ा शामिल हैं। इसके पहले कोर्ट ने 20 दिसंबर 2022 को ईडी की ओर से दाखिल पहली चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। ईडी ने 26 नवंबर 2022 को कोर्ट में पहली चार्जशीट दाखिल की थी।
जमानत याचिका पर ईडी को दिल्ली हाई कोर्ट का नोटिस
वहीं दिल्ली हाई कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए ईडी को नोटिस जारी किया है। सिसोदिया ने पत्नी की खराब सेहत का हवाला देते हुए हाई कोर्ट में अंतरिम जमानत याचिका भी दायर की है।
बता दें कि राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 28 अप्रैल को मनी लांड्रिंग से जुड़े मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। राऊज एवेन्यू कोर्ट के इसी फैसले को सिसोदिया ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है। सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा था कि सिसोदिया मंत्री समूह के मुखिया थे और कैबिनेट के बारे में उनको सारी जानकारी थी। वे आबकारी नीति के बदलाव में मुख्य भूमिका में थे। ईडी ने कहा था कि नीति में फायदा पहुंचाने के बदले रिश्वत ली गई।
ईडी ने कहा था कि कोई भी नीति हवा में नहीं बनाई जाती है। मंत्री समूह की बैठक में लाइसेंस फीस एवं प्रॉफिट मार्जिन को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। मनीष सिसोदिया के पास 18 विभाग थे। उस समय वह लोगों से मुलाकात करते थे। कुछ लोग उनकी पत्नी की देखभाल करते थे, ऐसे में जमानत के लिए मनीष सिसोदिया पत्नी की सेहत का हवाला नहीं दे सकते हैं।
सुनवाई के दौरान सिसोदिया के वकील ने कहा था कि ईडी का पूरा केस सीबीआई के केस पर ही आधारित है। मनी लांड्रिंग एक्ट की धारा 3 के तहत किसी भी तरह का अपराध सिसोदिया ने नहीं किया। कोर्ट को यह देखना होगा कि क्या धारा 3 के तहत कोई उल्लंघन किया गया है। ईडी ने इस मामले में सिसोदिया को 9 मार्च को पूछताछ के बाद तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। इससे पहले सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था।
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