यूपी के बाराबंकी जनपद में एमपी-एमएलए कोर्ट में आज एम्बुलेंस प्रकरण की सुनवाई की जाएगी। पिछली तारीख पर मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता ने कहा था कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्तार को कोर्ट की प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति दी जाए। वर्ष 2022 में मुख्तार अंसारी ने एक एम्बुलेंस का इस्तेमाल किया था। बाराबंकी जनपद में फर्जी कागजात के आधार पर इस एम्बुलेंस का रजिस्ट्रेशन कराया गया था। वर्ष 2021 के अगस्त माह में पुलिस को सूचना मिली कि मुख्तार अंसारी के कुछ गुर्गे बाराबंकी बस स्टैंड के पास मौजूद हैं।
पुलिस ने मौके पर पहुंच कर फिरोज कुरैशी, शाहिद और सुरेंद्र शर्मा को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में अभियुक्तों ने पुलिस को बताया कि मुख़्तार जब एंबुलेंस से पंजाब जा रहा था तब तीनों उसके साथ थे। गहन छानबीन में एम्बुलेंस मुहैया कराने में डॉ. अलका राय की संलिप्तता पाई गई। गैगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए मऊ जनपद में प्रशासन ने डॉ.अलका राय के अस्पताल को कुर्क कर दिया। इसकी कीमत 2.5 करोड़ रुपए बताई गई थी।
उल्लेखनीय है कि माफिया मुख्तार अंसारी ने अपने इस्तेमाल के लिए वर्ष 2013 में फर्जी कागजात के आधार पर एक एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन बाराबंकी के आरटीओ कार्यालय में कराया था। पंजाब की रोपड़ जेल में जाते समय UP 41 AT 7171 नंबर की इस एंबुलेंस का इस्तेमाल किया गया था। इस प्रकरण की गहनता पूर्वक जांच के बाद 2 अप्रैल, 2021 को एआरटीओ की तहरीर पर अस्पताल संचालिका डॉ. अलका राय के विरुद्ध नगर कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई। उसके बाद बाराबंकी पुलिस ने पंजाब से 5 अप्रैल, 2021 को इस एंबुलेंस को बरामद किया। एंबुलेंस मामले में मऊ जनपद के संजीवनी हॉस्पिटल की संचालिका डॉ. अलका राय, डॉ. शेषनाथ राय, आनंद यादव, राजनाथ यादव, मो. सैयद मुजाहिद, मो. जाफरी उर्फ शाहिद, सलीम को जेल भेजा गया था।
टिप्पणियाँ