नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने तुगलकाबाद में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए से इस बारे में 2 मई तक ये बताने को कहा है कि हटाए जाने वालों के पुनर्वास की क्या व्यवस्था की गई है।
जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ताओं के वकील से पूछा कि अतिक्रमण की गई जमीन को हम आपको देने के लिए कैसे कह सकते हैं। तुगलकाबाद इलाके में काफी अतिक्रमण है। यहां तक कि डीडीए की 60 फीसदी जमीन पर अतिक्रमण किया जा चुका है।
तुगलकाबाद किले की जमीन पर बनी 1248 झुग्गियां 30 अप्रैल को तोड़ दी गई थीं। इन झुग्गियों को तोड़ने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है। इस मामले पर 24 अप्रैल को दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान 24 अप्रैल को एएसआई की खिंचाई की थी और कहा था कि वह ऐतिहासिक तुगलकाबाद किले में अतिक्रमण के मुद्दे पर मूकदर्शक नहीं बन सकता। कोर्ट ने हर हाल में चार सप्ताह के भीतर अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था।
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