मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि शराब पीने के आदी माने जाने वाले असम पुलिस के तीन सौ जवान और अधिकारियों को जल्द ही वीआरएस दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने एक और बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि 9 मई को असम में नया निवेश होगा।
मुख्यमंत्री डॉ. सरमा रविवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय अटल बिहारी वाजपेयी भवन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ सुनने के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ सरमा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि वीआरएस देने का नियम है। केवल यहीं पर नहीं दिया गया था। असम पुलिस के करीब 300 अधिकारी और जवान हैं जो हमेशा नशे में रहते हैं। यह उनकी एक आदत बन गई है। शराब के सेवन के कारण उनका शरीर काम करने में असमर्थ है। इसलिए ऐसे पुलिस कर्मियों और अधिकारियों को वीआरएस दिया जाएगा। नए बच्चों को उनके स्थान पर काम मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने एक और बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि 9 मई को असम में नया निवेश होगा। नए निवेश के लिए करीब 10 हजार करोड़ रुपये के एमओयू होंगे। इस बीच 10 मई को बिहपुरिया में माधवदेव कलाक्षेत्र का अनावरण होगा। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 10 तारीख की शाम को सभी राशन कार्ड धारकों को 5 लाख रुपये की वार्षिक मुफ्त चिकित्सा योजना मुख्यमंत्री आयुष्मान असम का उद्घाटन किया जाएगा और 11 मई को विभिन्न नियुक्ति पत्र वितरित किए जाएंगे।
एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि अब प्रत्येक चुनाव क्षेत्र में उपायुक्त कार्यालय स्थापित किया जाएगा। उपायुक्त कार्यालय केवल जिला स्तर पर नहीं होगा। साथ ही कहा कि जिला प्रशासन को और शक्तिशाली और उसका विकेंद्रीकरण करने को लेकर चर्चा चल रही है।
अब प्रदेश की सामान्य जनता का काम आसानी से और तुरंत हो सके इसके लिए राज्य की 126 विधानसभा क्षेत्रों में 126 जिला उपायुक्त कार्यालय स्थापित किये जाएंगे। सभी कार्यालयों में एक अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) की नियुक्ति होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर 12, 13 और 14 मई को तिनसुकिया में आयोजित होने वाली जिला उपायुक्त सम्मेलन में विस्तार से चर्चा की जाएगी। इस मुद्दे पर कैबिनेट की बैठक में भी पर चर्चा हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला उपायुक्त कार्यालय का सारा काम निर्वाचन क्षेत्र में स्थापित होने वाले उपायुक्त कार्यालयों में किये जाएंगे। इसलिए बिना जिले के अब हर निर्वाचन क्षेत्र एक तरह से जिला होगा। इस बीच, मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलों में जिला उपायुक्त कानून और व्यवस्था की स्थिति को देखेंगे और अन्य कार्यों को देखेंगे।
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