राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय बौद्धिक शिक्षण प्रमुख श्री स्वांत रंजन ने कहा कि भारत विश्व में ज्ञान की दृष्टि से सदैव श्रेष्ठ रहा है
शैक्षिक मंथन संस्थान, जयपुर की ओर से गत अप्रैल को ‘भारत की अवधारणा’ विषय पर एक गोष्ठी हुई। मुख्य वक्ता और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय बौद्धिक शिक्षण प्रमुख श्री स्वांत रंजन ने कहा कि भारत विश्व में ज्ञान की दृष्टि से सदैव श्रेष्ठ रहा है।
इस सांस्कृतिक राष्ट्र में कई भाषाएं और उपासना पद्धतियां तो हैं, लेकिन इसका सांस्कृतिक एकात्म भाव एक ही है। उन्होंने ‘नेशन’ और ‘राष्ट्र’ की अवधारणा को स्पष्ट करते हुए कहा कि वामपंथी विचार के लोगों ने भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक पुरातनता को हानि पहुंचाई है और इसके कर्म सिद्धांत, श्रम संस्कृति जैसे मौलिक आधार सूत्रों को कमतर आंका गया।
मुख्य अतिथि हरियाणा राज्य सूचना आयोग के आयुक्त प्रदीप कुमार शेखावत ने कहा कि सामाजिक प्रतिबद्धता के बिना सच्ची पत्रकारिता नहीं की जा सकती और जीवन में वैचारिक पक्ष से अधिक व्यावहारिक पक्ष महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम की अध्यक्षता जगदीश प्रसाद सिंघल ने की।
उन्होंने कहा कि भारत केवल एक जमीन का टुकड़ा नहीं, अपितु एक जीवंत सांस्कृतिक इकाई है। मध्यकाल में कुछ आक्रांताओं के दबाव के कारण आई परंपरागत रूढ़ियों का दुष्प्रभाव भारत में आज भी दिखाई देता है। समय रहते समाज को उन्हें बदलना चाहिए।
मुख्य अतिथि हरियाणा राज्य सूचना आयोग के आयुक्त प्रदीप कुमार शेखावत ने कहा कि सामाजिक प्रतिबद्धता के बिना सच्ची पत्रकारिता नहीं की जा सकती और जीवन में वैचारिक पक्ष से अधिक व्यावहारिक पक्ष महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम की अध्यक्षता जगदीश प्रसाद सिंघल ने की।
टिप्पणियाँ