नई दिल्ली। दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को कोर्ट से कोई राहत नहीं मिल रही है। एक बार फिर उन्हें बड़ा झटका लगा है। दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत 12 मई तक बढ़ा दी है। सीबीआई ने दलील दी कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। घोटाले की जांच जारी है। हालांकि सिसोदिया के खिलाफ जांच पूरी हो गई है।
मनीष सिसोदिया के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल को चार्जशीट की कॉपी नहीं मिली है। इस पर कोर्ट ने चार्जशीट की ई-कॉपी मनीष सिसोदिया को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। गौरतलब है कि सीबीआई ने सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था।
पूरक चार्जशीट में मनीष सिसोदिया को बनाया गया आरोपी
दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में सीबीआई ने मंगलवार को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पूरक चार्जशीट दाखिल की। सीबीआई ने इस मामले में दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को भी आरोपी बनाया है। सीबीआई ने पूरक चार्जशीट में मनीष सिसोदिया के अलावा बुची बाबू, अर्जुन पांडेय और अमनदीप ढल को भी आरोपी बनाया है। बुची बाबू तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसी राव की बेटी कविता के सीए रह चुके हैं। इससे पहले 25 नवंबर, 2022 को सीबीआई ने पहली चार्जशीट दाखिल की थी। कोर्ट ने 15 दिसंबर, 2022 को पहली चार्जशीट पर संज्ञान लिया था
कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 7, 7ए और 8 के तहत आरोप तय किए थे। पहली चार्जशीट में आरोपी बनाए गए कुलदीप सिंह, नरेंद्र सिंह, विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली, अरुण रामचंद्र पिल्लै, मुत्थू गौतम और समीर महेंद्रू पर कोर्ट ने संज्ञान लिया है।
दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं मनीष सिसोदिया
मनीष सिसोदिया अभी दिल्ली के तिहाड़ जेल में हैं। उन्हें 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। सुनवाई के दौरान राउज एवेन्यू कोर्ट ने कहा था कि पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर लगे आरोप गंभीर हैं। सीबीआई का आरोप है कि आपराधिक षड्यंत्र में सिसोदिया की सक्रिय भूमिका रही। सिसोदिया आबकारी घोटाले के आपराधिक साजिश के कर्ताधर्ता थे। 90-100 करोड़ रुपये से अधिक की रिश्वत सिसोदिया और उनके सहयोगियों को देने के लिए थे। इनमें से 20-30 करोड़ रुपये विजय नायर, अभिषेक बोईनपल्ली और दिनेश अरोड़ा के जरिये पहुंचता था।
सिसोदिया 18 मंत्रालय देख रहे थे
सीबीआई की ओर से दलील देते हुए वकील डीपी सिंह ने कहा था कि सिसोदिया 18 मंत्रालय देख रहे थे। इसमें शिक्षा विभाग के साथ वित्त और आबकारी विभाग भी था। उनको सारी जानकारी थी। सीबीआई ने जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि भले ही सिसोदिया का देश छोड़कर भागने का खतरा न हो, लेकिन जमानत के बाद गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।
टिप्पणियाँ