पश्चिम बंगाल में उत्तर दिनाजपुर के कालियागंज के बाद अब माल्दा में भी एक नाबालिग बच्ची का क्षत-विक्षत शव बरामद हुआ है। इस बार भी शव को अपमानजनक तरीके से ले जाया गया है। इस घटना का भी वीडियो सामने आया है, जिसके बाद राष्ट्रीय शिशु अधिकार रक्षा आयोग (एनसीपीसीआर) ने पश्चिम बंगाल सरकार से जवाब मांगा है।
एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने माल्दा जिले के पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर इस घटना में एफआईआर की कॉपी मांगी है और गहन जांच करने को कहा है। उन्होंने बच्ची के शव को ले जाने के तरीके पर भी सवाल खड़ा करते हुए एक मीडिया चैनल का वीडियो साझा किया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, “आज फिर पश्चिम बंगाल के कलियाचक, माल्दा में एक बच्ची मृत मिली है, जिसको पुलिस फिर इस अपमानजनक तरह से लेकर जा रही है। ममता बनर्जी की सरकार बच्चियों की रक्षा करने में अक्षम साबित हो रही है और उनके शवों की अस्मिता तक की रक्षा नहीं कर पा रही है।’
आज फिर पश्चिम बंगाल के कलियाचक,माल्दा में एक बच्ची मृत मिली है,जिसको पुलिस फिर इस अपमान जनक तरह से ले कर जा रही है।@MamataOfficial जी की सरकार बच्चियों की रक्षा करने में अक्षम साबित हो रही है,और उनके शवों की अस्मिता तक की रक्षा नहीं कर पा रही है।
विडीओ सौजन्य -कलकत्ता न्यूज़ pic.twitter.com/ZvlhhMsk0P— प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (@KanoongoPriyank) April 25, 2023
गौरतलब है कि इसके पहले उत्तर दिनाजपुर के कालियागंज में भी बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में पुलिस ने बच्ची के शव को घसीटते हुए वाहन में डाला था। इसका वीडियो वायरल होने के बाद राज्य सरकार की चौतरफा आलोचना हुई थी। उस मामले में एएसआई रैंक के चार पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है।
कालियागंज मामले में आक्रोशित लोगों ने थाने में लगाई आग
उत्तर दिनाजपुर के कालियागंज में नाबालिग बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या को लेकर मंगलवार को लगातार पांचवें दिन इलाके में विरोध प्रदर्शन हुआ। इस दौरान गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने थाने में आग लगा दी। थाने के पास खड़ी कई गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया। पुलिस को लक्ष्य कर पथराव हुआ, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। कई लोगों को हिरासत में लिया गया है।
जानकारी के अनुसार मंगलवार को स्थानीय जनजातीय समुदाय के राजवंशी तपसिली आदिवासी समन्वय कमेटी की ओर से विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया था। इसमें हजारों लोग शामिल हुए थे। इन्हें रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेडिंग की थी।आरोप है कि प्रदर्शनकारियों ने इस बैरिकेडिंग को तोड़ कर पुलिस पर पथराव किया और बाद में थाने में आग लगा दी। हालात को संभालने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। हालांकि प्रदर्शनकारियों का कहना है कि शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े जिसके बाद चोटिल हुए लोगों ने आगजनी की। इधर, मंगलवार को भाजपा की तरफ से रायगंज पुलिस अधीक्षक के दफ्तर के घेराव किया गया है। उस कार्यक्रम को केंद्र करके भी पुलिस से धक्का-मुक्की और हाथापाई हुई है।
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