केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को करदाताओं के सभी आवेदनों पर निश्चित समय-सीमा के भीतर उचित कार्रवाई करने को कहा है। सीतारमण ने सीबीडीटी के साथ आयोजित समीक्षा बैठक में यह बात कही है। इस बैठक में राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा, सीबीडीटी के अध्यक्ष नितिन गुप्ता और सीबीडीटी के सभी सदस्य शामिल हुए।
वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि वित्त मंत्री को यहां आयोजित इस समीक्षा बैठक में सीबीडीटी की ओर से कर आधार बढ़ाने को लेकर उठाये गए विभिन्न कदमों के बारे में जानकारी दी गई। मंत्रालय के मुताबिक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुपात के रूप में व्यक्तिगत आयकर वित्त वर्ष 2021-22 में बढ़कर 2.94 फीसदी हो गया, जो वित्त वर्ष 2014-15 में 2.11 फीसदी था।
सीबीडीटी ने बताया कि मौजूदा सरकार के प्रयासों से करदाताओं का आधार बढ़ा है। स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) संहिता पेश किए जाने से वित्त वर्ष 2021-22 में सूचित लेन-देन बढ़कर 144 करोड़ हो गया, जो वित्त वर्ष 2015-16 में 70 करोड़ था। साथ ही टीडीएस काटने वालों की संख्या बढ़कर वित्त वर्ष 2021-22 में 9.2 करोड़ हो गई, जो वित्त वर्ष 2015-16 में 4.8 करोड़ थी।
मंत्रालय के मुताबिक समीक्षा बैठक में करदाता आधार बढ़ाने के प्रयास, अनुशासनात्मक कार्यवाही के लंबित मामले और कुछ धाराओं के तहत छूट प्रदान करने को लेकर आयकर अधिनियम, 1961 समेत अन्य चीजों की भी समीक्षा की गई। वित्त मंत्री ने सीबीडीटी को प्रत्यक्ष कर कानूनों के प्रावधानों और उनके अनुपालन के बारे में करदाताओं की जागरुकता बढ़ाने के अपने प्रयासों को विस्तार देने और इन्हें मजबूत करने के लिए प्रोत्साहित किया।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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