आज का इतिहास : चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट त्रासदी, 50 लाख लोगों पर पड़ा था रेडिएशन का असर
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

आज का इतिहास : चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट त्रासदी, 50 लाख लोगों पर पड़ा था रेडिएशन का असर

कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की वजह से 4,000 से भी अधिक लोगों की मौत हुई

by WEB DESK
Apr 26, 2023, 08:30 am IST
in भारत, विश्व
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

देश-दुनिया के इतिहास में 26 अप्रैल की तारीख बड़ी औद्योगिक त्रासदी की गवाह है। चेर्नोबिल के न्यूक्लियर प्लांट में हुए हादसे को दुनिया की पांच औद्योगिक त्रासदी में गिना जाता है। दरअसल तत्कालीन सोवियत संघ के यूक्रेन में स्थित चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट में परीक्षण होना था, लेकिन क्या पता था कि यह परीक्षण हजारों लोगों के लिए अंतिम पल साबित होगा। 50 लाख लोग इस प्लांट में हुए हादसे से निकले रेडिएशन का शिकार हुए। इससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की वजह से 4,000 से भी अधिक लोगों की मौत हुई।

यह बात 26 अप्रैल 1986 की है। यानी भोपाल में यूनियन कार्बाइड से रिसी जहरीली गैस के हादसे के सिर्फ दो साल बाद। यूक्रेन की राजधानी कीव से करीब 130 किलोमीटर उत्तर में प्रिपयेट शहर में चेर्नोबिल न्यूक्लियर पॉवर प्लांट लगना था। इसमें चार न्यूक्लियर रिएक्टर थे। एक दशक में इन्हें बनाया गया था। जब हादसा हुआ तब दो रिएक्टर पर काम चल रहा था।

इस परीक्षण से पता चलता कि बिजली जाने पर डीजल जनरेटर पम्प को कितनी देर चालू रख सकता है। टरबाइन कितनी देर तक घूम सकता है। परीक्षण की तैयारी एक-दो दिन पहले ही शुरू हो गई थी। 26 अप्रैल की रात परीक्षण शुरू हुआ। रात करीब 1:30 बजे टरबाइन को नियंत्रित करने वाले वॉल्व को हटाया गया। रिएक्टर को आपात स्थिति में ठंडा रखने वाले सिस्टम और रिएक्टर के अंदर होने वाली न्यूक्लियर फ्यूजन को भी रोक दिया गया। अचानक रिएक्टर के अंदर न्यूक्लियर फ्यूजन की प्रक्रिया अनियंत्रित हो गई।

रिएक्टर के सभी आठ कूलिंग पम्प कम पॉवर पर चलने लगे। इससे रिएक्टर गर्म होने लगा और इससे न्यूक्लियर रिएक्शन और तेज हो गई। रिएक्टर को बंद करने की कोशिश के दौरान जोरदार धमाका हुआ। धमाका इतना जबरदस्त था कि रिएक्टर की छत उड़ गई। वहां 32 लोगों की मौत हो गई। रेडियोएक्टिव रेडिएशन हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए परमाणु बम से कई गुना अधिक था। हवा के साथ ये रेडिएशन उत्तरी और पूर्वी यूरोप में फैल गया।

विकिरण फैलने से रूस, यूक्रेन और बेलारूस के 50 लाख लोग चपेट में आए। इस विकिरण के फैलने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से घिरे चार हजार लोग मारे गए। 2.5 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। लाखों लोगों का स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित हुआ। 2000 में चेर्नोबिल में काम कर रहे आखिरी रिएक्टर को बंद कर दिया गया। सोवियत संघ ने इसे त्रासदी को दबाना चाहा। कई दिन तक इस हादसे की जानकारी दुनिया को नहीं दी गई। रेडिएशन हवा में फैल चुका था, इसलिए उसको छुपाना मुश्किल था। रेडिएशन और राख स्वीडन के रेडिएशन मॉनिटरिंग स्टेशन तक पहुंची। वह चेर्नोबिल से करीब 1100 किलोमीटर की दूरी पर था। हवा में अचानक से रेडिएशन बढ़ने पर स्वीडन की अथॉरिटी चौकन्ना हो गई। वे पता लगाने में जुट गए कि यह रेडिएशन कहां से आया। जब स्वीडन ने मॉस्को सरकार से पूछा तब सोवियत संघ ने इस घटना को स्वीकारा। इस त्रासदी को याद कर आज भी लोग सिहर उठते हैं।

महत्वपूर्ण घटनाचक्र
1654 : यहूदियों को ब्राजील से निकाला गया।
1755 : रूस का पहला विश्वविद्यालय राजधानी मॉस्को में खोला गया।
1828 : यूनान की आजादी के समर्थन में रूस की तुर्की के खिलाफ युद्ध की घोषणा।
1903 : महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में वकालत शुरू करते हुए ब्रिटिश इंडियन एसोसिएशन की स्थापना की।
1959 : क्यूबा ने पनामा पर आक्रमण किया।
1962 : अंतरिक्ष यान रेंजर-4 ने चांद की सतह पर कदम रखा। चांद तक पहुंचने वाला यह पहला अमेरिकी अंतरिक्ष यान था। तकनीकी गड़बड़ी के कारण इसका संपर्क पृथ्वी से टूट गया और यह चांद की सतह के चित्र नहीं भेज सका।
1975 : सिक्किम भारत का 22वां राज्य बना।
2006 : भारत और उज्बेकिस्तान ने छह समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
2010 : बिहार सरकार ने बिहार के प्रसिद्ध चिनिया केले की ब्रांडिंग ‘गंगा केला’ के रूप में करने का फैसला किया।

Topics: chernobyl nuclear plantchernobyl plant tragedyइतिहासआज का इतिहासhistorytoday history26 अप्रैल का इतिहासचेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांटचेर्नोबिल प्लांट त्रासदी26 april history
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

अमित शाह, केंद्रीय गृहमंत्री

शासकों को खुश करने के लिए लिखे गए इतिहास से निजात पाने का समय आ गया : अमित शाह

Jalaluddin Khilji

बलबन के बाद जलालुद्दीन खिलजी: हिंदुओं के प्रति नफरत का दूसरा नाम

दिल्ली सल्तनत के जिस इल्तुतमिश को प्रगतिशील कहकर सराहते हैं कम्युनिस्ट, उसके मंदिर तोड़ने वाले रूप को छिपाते हैं

इस्लामाबाद के फौजियों ने बांग्लादेश में लाखों लोगों का कत्ल किया था (File Photo)

Bangladesh: जिस देश ने किया कत्लेआम अब उसके छात्रों को ढाका विश्वविद्यालय में मिलेगा दाखिला

Leftist Historians glorifying Shershah suri

हुमायूँ को भारत से भगाने वाले शेरशाह सूरी पर वामपंथी इतिहासकार फिदा, मगर भुला देते हैं उत्तरापथ का हिंदू इतिहास

प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार बिबेक देबरॉय

धर्म एवं अर्थ के ज्ञाता

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

राफेल पर मजाक उड़ाना पड़ा भारी : सेना का मजाक उड़ाने पर कांग्रेस नेता अजय राय FIR

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies