सिंध, पाकिस्तान से एक और आहत करने वाली खबर आई है। वहां 6 साल की एक हिन्दू बच्ची से दो मुस्लिम लड़कों ने बलात्कार किया है। बच्ची को जख्मी हालत में नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराने के बाद, दुखी माता—पिता स्थानीय पुलिसथाने गए और अपनी शिकायत दर्ज कराई। लेकिन पुलिस ने इस पूरे मामले में जैसा बर्ताव दिखाया है, उससे लगता नहीं कि अपराधियों को जल्दी ही पकड़ लिया जाएगा। उधर सोशल मीडिया पर इस घटना की जानकारी आने के बाद से लोग आक्रोशित होकर अपनी तीखी प्रतिक्रियाएं व्यक्त कर रहे हैं। लेकिन मामला पाकिस्तान का है जहां हिन्दुओं के साथ ऐसी घटनाएं होना वहां ‘बहुत आम’ बात है।
समाचार एजेंसी एएनआई ने खबर दी है कि पाकिस्तान में 6 साल की हिंदू बच्ची के साथ दो मुस्लिम लड़कों द्वारा किया गया अमानवीय बर्ताव एक बार फिर इलाके में हिन्दुओं में भय और आक्रोश पैदा कर गया है। पुलिस का ऐसे हिन्दू विरोधी मामलों में मूकदर्शक बने रहना भी भय का एक बड़ा कारण है।
सिंध सूबे के गांवों शेख भिरकियो तथा टांडो अल्लाहयार में कट्टरपंथी मुसलमानों का दबदबा है और उनकी अच्छी खासी तादाद है। वहां का हिन्दू समुदाय हमेशा आतंकित रहता है। इस समुदाय के साथ मुसलमान मनमाने तरीके से बर्ताव करते हैं। हिन्दू बहू—बेटियों का तो घर से निकलना तक मुश्किल है।
दरअसल, पड़ोसी इस्लामी देश पाकिस्तान में गत कुछ माह से सिंध सूबे के गांवों, विशेष रूप से टांडो अल्लाहयार जिले में अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय निशाने पर बना हुआ है। इस रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के कुछ मानवाधिकार संगठनों तथा मानवाधिकार एक्टिविस्ट ने इस हिन्दू बच्ची के साथ हुई हैवानियत के मामले पर चिंता व्यक्त करते हुए लोगों का ध्यान इस ओर खींचा है।
सिंध सूबे के टांडो अल्लायार जिले के गांव शेख भीरकिओ में रह रही इस 6 साल की पीड़िता के साथ जिन दो मुस्लिम लड़कों ने दुराचार किया है, उनकी उम्र 23 साल बताई जा रही है। बताया गया है कि जब बच्ची अपने घर के बाहर खेल रही थी तब ये दोनों मजहबी उन्मादी उसे फुसलाकर अपने साथ ले गए थे। बहुत देर बार, बच्ची अपने घर से लगभग 6 किलोमीटर दूर एक स्थान पर बेहोश पड़ी मिली थी।
घटना की जानकारी लगते हैं अनेक लोग वहां पहुंच गए और घायल बच्ची को फौरन स्थानीय अस्पताल में भर्ती करा गया। इस बीच बच्ची के माता-पिता गुहार लगाते हुए स्थानीय पुलिसथाने गए और अपनी बच्ची के साथ हुई हैवानियत की रिपोर्ट लिखवाई। लेकिन इतना बड़ा कांड होने और उसकी लिखित शिकायत देने के बावजूद पुलिस ने अनमना रवैया ही दर्शाया। पुलिस की बेपरवाही ऐसी थी कि आहत माता—पिता को उसने ढाढस तक बंधाते हुए कार्रवाई करने की बात नहीं की।
प्राप्त समाचारों के अनुसार, सिंध सूबे के गांवों शेख भिरकियो तथा टांडो अल्लाहयार में कट्टरपंथी मुसलमानों का दबदबा है और उनकी अच्छी खासी तादाद है। वहां का हिन्दू समुदाय हमेशा आतंकित रहता है। इस समुदाय के साथ मुसलमान मनमाने तरीके से बर्ताव करते हैं। हिन्दू बहू—बेटियों का तो घर से निकलना तक मुश्किल है। पुलिस मुस्लिमों की ही है। हिंदू अल्पसंख्यक हमेशा निशाने पर रहते हैं। ये दोनों ही गांव कई मौकों पर मजहबी हिंसा के गवाह रहे हैं।
अभी दो महीने पहले, कुछ दबंग मुस्लिमों ने यहां रह रहे हिन्दू नीलो कोल्ही के घर पर हथियारबंद हमला बोला था। इस हमले में नीलो कोल्ही की बेटी भी घायल हुई थी। कुछ लोगों का कहना है कि उन मुस्लिमों की नीलो की बेटी पर बुरी नजर थी। पुलिसथाने में इस घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई गई, लेकिन पुलिस ने हर तरह से ढिलाई बरती, बहुत समय तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
इन गांवों से हिन्दू लड़कियों को अगवा किया जाता रहा है। उन पर इस्लाम में कन्वर्ट होने और
मुस्लिमों से निकाह करने का दबाव बनाया जाता है। लेकिन हिन्दुओं की सुध लेने के लिए प्रशासन के पास वक्त ही नहीं है।
टिप्पणियाँ