प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को एक दिवसीय प्रवास पर मध्यप्रदेश के रीवा पहुंचे हैं। वे यहां एसएएफ मैदान में आयोजित राष्ट्रीय पंचायतीराज दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने समारोह में ई-जेम और ई-ग्राम स्वराज के एकीकृत पोर्टल का शुभारंभ किया। इसके साथ ही उन्होंने समावेशी विकास के पोर्टल का भी शुभारंभ किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने समारोह में हरी झंडी दिखाकर तीन नई रेलगाड़ियों की शुरुआत की। इसके साथ ही उन्होंने 2300 करोड़ की नई रेल परियोजनाओं का भी शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री ने 7853 करोड़ रुपये की पांच नल-जल योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण कर देश को समर्पित किया। उन्होंने समारोह में वर्चुअली प्रदेश के चार लाख 11 हजार ग्रामीण आवासों में गृह प्रवेश कराया। प्रधानमंत्री मोदी स्वामित्व योजना के तहत देश के एक करोड़ 25 लाख हितग्राही को स्वामित्व संपत्ति कार्ड प्रदान किए। प्रधानमंत्री ने सिंगरौली की सीता और सूरज साकेत को स्वामित्व अधिकार अभिलेख सौंपा।
प्रधानमंत्री मोदी ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि पंचायती राज संस्थाएं लोकतंत्र की भावना को बढ़ावा देने के साथ हमारे नागरिकों के विकास की आकांक्षाओं को पूरा करती हैं। देश की ढाई लाख से अधिक पंचायतों को, राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। उन्होंने कहा कि हम सभी जनता के प्रतिनिधि हैं। हम सभी इस देश के लिए इस लोकतंत्र के लिए समर्पित हैं। काम के दायरे भले ही अलग हों, लेकिन लक्ष्य एक ही है जनसेवा से राष्ट्रसेवा। आजादी के इस अमृतकाल में, हम सभी देशवासियों ने विकसित भारत का सपना देखा है और इसे पूरा करने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज यहां ई-ग्राम स्वराज और ई-जेम पोर्टल को मिलाकर जो नई व्यवस्था लॉन्च की गई है, उससे आपका काम और आसान होने वाला है। पीएम स्वामित्व योजना के तहत भी देश के 35 लाख ग्रामीण परिवार को प्रॉपर्टी कार्ड दिए गए। मध्यप्रदेश के विकास से जुड़ी 17000 करोड़ से अधिक परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ।
उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों ने पंचायतों से भेदभाव किया, अब उनसे उलटा हम उन्हें सशक्त कर रहे हैं। 2014 से पहले पंचायतों के लिए वित्त आयोग का अनुदान 70 हजार करोड़ से भी कम था। इतनी कम राशि से इतना बड़ा देश, इतनी सारी पंचायतें कैसे अपना काम कर पातीं। 2014 में हमारी सरकार आने के बाद पंचायतों को मिलने वाला यह अनुदान 70 हजार से बढ़ाकर 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है। 2014 से पहले के 10 साल में केंद्र सरकार की मदद से 6 हजार के आसपास पंचायत भवन बनवाए गए थे। हमारी सरकार ने 8 साल के अंदर 30 हजार से ज्यादा नए भवन बनवा दिए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूज्य बापू कहते थे कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है, लेकिन कांग्रेस ने गांधी के विचारों को भी अनसुना किया। 90 के दशक में पंचायती राज के नाम पर खानापूर्ति की, ध्यान नहीं दिया। 2014 के बाद से देश ने अपनी पंचायतों के सशक्तिकरण का बीड़ा उठाया। आज इसके परिणाम नजर आ रहे हैं। आज भारत की पंचायतें गांवों के विकास की प्राणवायु बनकर उभर रही हैं।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली से विशेष विमान से माध्यम से सुबह 10:55 बजे खजुराहो एयरपोर्ट आए और यहां से हेलीकॉप्टर से रवाना होकर सुबह 11:25 बजे रीवा पहुंचे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्यपाल मंगुभाई पटेल समेत अन्य जनप्रतिनिधियों ने यहां प्रधानमंत्री का स्वागत कर अगवानी की। रीवा में सबसे पहले प्रधानमंत्री ने पंचायती राज और ग्रामीण विकास से जुड़ी प्रदर्शनी देखी। इसमें सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारी है। प्रदर्शनी देखने के बाद प्रधानमंत्री पंचायती राज सम्मेलन के मंच पर पहुंचे। पर्यावरण पर नाट्य मंचन हुआ तो मंच से उठे और 11 मिनट खड़े होकर प्रस्तुति देखी।
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