केंद्र सरकार सूडान में जटिल और उभरती सुरक्षा परिस्थियों पर बारीकी से नजर बनाए हुए है और वहां फंसे भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि आकस्मिक योजनाएं मौजूद हैं लेकिन जमीन पर कोई भी गतिविधि सुरक्षा स्थिति पर निर्भर करेगी। भारतीय दूतावास सूडान में फंसे भारतीयों के नियमित संपर्क में है और उन्हें सुरक्षित आवाजाही की व्यवहार्यता और अनावश्यक जोखिम से बचने की सलाह दे रहा है। जब भी सुरक्षा स्थिति सुरक्षित आवाजाही की अनुमति देगी खार्तूम शहर से संभावित निकासी सहित हर संभव उपाय पर काम किया जाएगा।
मंत्रालय के अनुसार हम सूडान में फंसे और वहां से निकलना चाह रहे भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए विभिन्न सहयोगियों के साथ समन्वय कर रहे हैं। सूडानी अधिकारियों के अलावा विदेश मंत्रालय और सूडान में भारतीय दूतावास भी संयुक्त राष्ट्र, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और अमेरिका के साथ नियमित संपर्क में हैं। भारत कई विकल्पों पर काम कर रहा है। दो भारतीय वायुसेना सी-130जे वर्तमान में जेद्दाह में स्टैंडबाय पर तैनात हैं और आईएनएस सुमेधा पोर्ट सूडान पहुंच गया है।
मंत्रालय के अनुसार खार्तूम में विभिन्न स्थानों पर भयंकर लड़ाई की खबरों के कारण हालात नाजुक बने हुए हैं। सूडानी हवाई क्षेत्र वर्तमान में सभी विदेशी विमानों के लिए बंद है। ओवरलैंड मूवमेंट में जोखिम और तार्किक चुनौतियां भी होती हैं।
सऊदी अरब ने सूडान में फंसे भारत समेत 12 देशों के 66 नागरिकों को सुरक्षित निकाला
सऊदी अरब ने संघर्ष प्रभावित सूडान से 12 देशों के 66 नागरिकों को सुरक्षित निकाला है। इनमें कुछ भारतीय नागरिक भी शामिल हैं। भारत के विदेशमंत्री एस जयशंकर ने अपने सऊदी अरब के समकक्ष से इस बारे में बातचीत की थी।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को सूडान में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की थी। सनद रहे सूडान 15 अप्रैल से खार्तूम और अन्य क्षेत्रों में सूडानी सेना और आरएसएफ के बीच घातक सशस्त्र संघर्ष देख रहा है। सूडान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, शुक्रवार तक संघर्ष में 400 से अधिक लोग मारे गए और लगभग 3,500 घायल हुए।
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