सर्वोच्च न्यायालय से अनुमति मिलने के बाद 16 अप्रैल को तमिलनाडु के 45 स्थानों पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 20,000 से अधिक स्वयंसेवकों ने पथसंचलन किया। इन पथसंचलनों को जो प्रतिसाद मिला, वह स्वयंस्फूर्त था। अकेले चेन्नै के संचलन में 1,200 से अधिक स्वयंसेवक गणवेश में शामिल हुए।
उच्च न्यायालय से होते हुए सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचा। गत दिनों सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय के निर्णय को सही माना। इसके बाद ही यह संचलन हो पाया।
दक्षिण तमिलनाडु प्रांत में यह आंकड़ा 12,000 से अधिक और उत्तर तमिलनाडु प्रांत में 8,000 से अधिक रहा। उल्लेखनीय है कि इस संचलन को रोकने के लिए तमिलनाडु की डीएमके सरकार ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था। यह संचलन गत वर्ष महात्मा गांधी की जयंती यानी 2 अक्तूबर को होना था, लेकिन राज्य सरकार ने नहीं होने दिया।
इसके बाद यह मामला उच्च न्यायालय से होते हुए सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचा। गत दिनों सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय के निर्णय को सही माना। इसके बाद ही यह संचलन हो पाया।
टिप्पणियाँ