सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वकील हड़ताल पर नहीं जा सकते। काम से बच भी नहीं सकते। जस्टिस एमआर शाह की अध्यक्षता वाली बेंच ने सभी राज्यों के हाई कोर्ट को चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में राज्य स्तर पर शिकायत निवारण समिति के गठन का निर्देश दिया है, जहां वकील अपनी समस्याओं के लिए आवेदन कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर वकीलों को कोई शिकायत या परेशानी है तो इसके समाधान के लिए कई मंच हैं। कोर्ट ने अपने फैसले में सभी हाईकोर्ट्स से आग्रह किया कि वकीलों की ऐसी शिकायतों के निवारण के लिए समिति बनाएं, जिसकी अध्यक्षता खुद चीफ जस्टिस करें। साथ ही अन्य दो वरिष्ठ जज इसमें शामिल किए जाएं। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जिला स्तर पर भी ऐसी समितियां बनाई जा सकती हैं, जिससे किसी न्यायिक अधिकारी या वकील पर किसी तरह का कोई तनाव न हो।
24 जनवरी को कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया से कहा कि वो वकीलों की हड़ताल से निपटने के लिए कदम उठाए ताकि ऐसी घटनाओं को रोकना सुनिश्चित किया जा सके। कोर्ट ने कहा था कि इसके लिए हम बार काउंसिल से अधिक गंभीरता की उम्मीद करते हैं।
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