ब्रिटेन में बढ़ते जिहादी तत्वों की वजह से क्या हिन्दू बच्चों, छात्रों के लिए वह एक असुरक्षित देश बनता जा रहा है? आज यह सवाल सिर्फ ब्रिटेन या भारत में ही नहीं, दुनिया के सभी सभ्य देशों में गूंज रहा है! ब्रिटेन में पिछले दिनों हिन्दू विरोधी घटनाओं का एक सैलाब सा दिखाई दिया था। हिन्दुओं के विरुद्ध इस हिंसक नफरत में सिर्फ कट्टर मुस्लिम ही नहीं, खालिस्तानी भी बढ़-चढ़कर अपनी मंशाएं साफ कर चुके हैं। लीसेस्टर में गत वर्ष सितम्बर में हिन्दुओं पर इस्लामवादियों के हमलों से सांप्रदायिक उन्माद का जो सिलसिला शुरू हुआ था वह अभी थमा नहीं है। वहां के विश्वविद्यालयों में हिन्दू छात्रों को ‘टारगेट’ किया जा रहा है। यह सनसनीखेज खुलासा एक ताजा अध्ययन में सामने आया है।
पता चला है कि हिन्दू छात्रों को परिसर के अंदर मुस्लिम तत्व कन्वर्जन के लिए धमकाते हैं, उन पर बीफ के टुकड़े फेंकते हैं, देवी-देवताओं का अपमान करते हैं। यह हालत हो चली है ब्रिटेन के स्कूलों में हिन्दू बच्चों की।
इतना ही नहीं एक प्रमुख थिंक टैंक के इस अध्ययन में पाया गया है कि भारत में कभी प्रचलित रही जाति और वर्ण व्यवस्था को लेकर भ्रांतियां फैलाई जाती हैं, पूजा पर कटाक्ष किए जाते हैं और इस तरह हिन्दू छात्र-छात्राओं को सरेआम बेइज्जत करने की कोशिशें की जाती हैं।
ब्रिटेन के स्कूलों और विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे हिन्दू छात्रों की ऐसी स्थिति की जानकारी सामने आने पर वहां बसे हिन्दू परिवारों का चिंता करना स्वाभाविक ही है। उनके बेटे-बेटियों को स्कूलों में साफ कह दिया जाता है कि यदि वे ‘परेशानी से बचना चाहते हों तो कन्वर्ट होकर इस्लाम कबूल लें’। अध्ययन में देखा यह गया है कि कक्षाओं में शिक्षकों की उपस्थिति में ही हिन्दू छात्र-छात्राओं का भद्दा मजाक उड़ाया जाता है। वहां के मुस्लिम छात्र बेखौफ हैं, जो खुलेआम हिन्दू छात्रों से कहते हैं कि ‘बिना दिक्कत की जिन्दगी जीनी है तो मुस्लिम बन जाओ’।
हैरान करने वाला यह अध्ययन किया है ‘हेनरी जैक्सन सोसाइटी’ ने, जो ब्रिटेन का जाना-माना थिंक टैंक है। ब्रिटेन में मुस्लिमों के हिन्दू विरोधी हिंसात्मक उपद्रवों पर ब्रिटेन में बीबीसी जैसे सेकुलर मीडिया समूह इस्लामवादियों के हाथों दमन का शिकार होने वाले हिन्दुओं को ही ‘अपराधी’ ठहराकर हर चीज का दोश हिन्दुओं पर मढ़ देते हैं।
इस थिंक टैंक के अध्ययन में 50 फीसदी हिन्दू माता-पिता का कहना है कि उनके बेटे-बेटियों को स्कूलों में नफरत झेलनी पड़ रही है। एक हिन्दू छात्रा ने बताया कि भरी क्लास में उस पर साथी मुस्लिम छात्रों ने बीफ फेंका था।
उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन में आबादी के हिसाब से हिन्दू तीसरे नंबर पर हैं यानी उनकी वहां अच्छी खासी संख्या है। इसके बावजूद उन्हें ऐसा दुर्व्यवहार झेलने को मजबूर होना पड़ रहा है। उस देश में बसे 10 लाख से ज्यादा हिन्दू राजनीतिक-सामाजिक दृष्टि से खास माना जाते हैं।
कट्टरपंथ की धुर विरोधी रिसर्च फेलो शेर्लोट लिटिलवुड ने इस दस्तावेज को तैयार करते हुए 988 हिन्दू माता-पिताओं से बात करके देश के करीब एक हजार स्कूलों का अध्ययन किया है। इसमें ये चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। (देखें ट्वीट)
https://twitter.com/CharlotteFLit/status/1647912084246593537?s=20
जैसा पहले बताया, लीसेस्टर में सितंबर 2022 में जो हिन्दू विरोधी दंगे किए गए थे उनमें पुलिस ने 55 लोगों को गिरफ्तार किया था। वे दंगे इस अफवाह को फैलाकर भड़काए गए थे कि लीसेस्टर में ‘हिन्दू कट्टरपंथी मौजूद हैं’। इसी तरह की अफवाहें और भ्रांतियां स्कूलों में हिन्दू छात्र-छात्राओं के लिए भी फैलाई जा रही हैं।

हिन्दू छात्रों को इस्लामी कट्टरपंथी और भारतीय कानून द्वारा वांछित अपराधी जाकिर नाइक के वीडियो भाषण सुनने को मजबूर किया जाता है। जाकिर अपनी तकरीरों में हिन्दुओं को अपमानित करने का कोई मौका नहीं छोड़ता है। वह खुलेआम मुस्लिमों को हिन्दुओं के विरुद्ध उकसाता है।
अध्ययन का निष्कर्ष बताता है कि स्कूलों में हिन्दू छात्र-छात्राओं को जिस तरह का भेदभाव झेलना पड़ रहा है, वह और लीसेस्टर के हिन्दू विरोधी उपद्रव काफी एक जैसी घटनाएं हैं। हिन्दू छात्रों का मजाक उड़ाया जाता है कि ‘वे शाकाहारी हैं, बीफ नहीं खाते’। उनके मुंह पर हिन्दुओं की पूजा और देवी-देवताओं का मजाक उड़ाया जाता है। बेवजह कहा जाता है कि ‘भारत में मुस्लिमों के साथ भेदभाव हो रहा है’। मुस्लिम तत्वों का ये सब करने के पीछे उद्देश्य होता है हिन्दू छात्र-छात्राओं के लिए नफरत पैदा करना।
हैरानी की बात है कि कई स्कूलों में हिन्दू छात्र-छात्राओं को ‘काफिर’ तक कहकर पुकारा जाता है। धमकी दी जाती है कि ‘मुस्लिम बन जाओ, नहीं तो जीना मुहाल कर देंगे’। एक छात्र का ब्रेनवाश करते हुए उससे कहा गया कि ‘जन्नत जाना चाहते हो तो इस्लाम कबूल लो, नहीं तो बचोगे नहीं’।
हिन्दू छात्र-छात्राओं को दिवाली पर छुट्टी नहीं दी जाती। खेद की बात यह कि इन स्कूलों में से सिर्फ एक प्रतिशत ने ही ऐसी हिन्दू विरोधी इस्लामी शरारतों की घटनाओं पर गौर किया।
पता यह भी चला है कि वहां के स्कूल-कालेजों में हिन्दू छात्रों को इस्लामी कट्टरपंथी और भारतीय कानून द्वारा वांछित अपराधी जाकिर नाइक के वीडियो भाषण सुनने को मजबूर किया जाता है। जाकिर अपनी तकरीरों में हिन्दुओं को अपमानित करने का कोई मौका नहीं छोड़ता है। वह खुलेआम मुस्लिमों को हिन्दुओं के विरुद्ध उकसाता है।
अध्ययन पर टिप्पणी करते हुए ब्रिटिश सांसद बेन एवेरिट ने इसे ‘भयावह’ बताया है। उन्होंने मजहबी शिक्षा में सुधार तथा बदलाव की बात की। उन्होंने कहा कि हिन्दू धर्म को लेकर नफरत फैलाने और स्कूलों में हिन्दुओं के साथ होने वाले भेदभाव को रोकना होगा। उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन के स्कूलों में हिन्दू बच्चों के प्रति नफरत के संदर्भ में यह अध्ययन पहली बार हुआ है।
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