2010 में बेंगलूरु में आयोजित हुआ था पहला सेवा संगम
2015 में नई दिल्ली में आयोजित हुआ था दूसरा सेवा संगम हुआ।
2023 में तीसरा सेवा संगम जयुपर में आयोजित हुआ।
43,045 सेवा परियोजनाओं द्वारा समाज को एकता के सूत्र में बांधने के लिए राष्ट्रीय सेवा भारती प्रयासरत।
- देश के 117 जिलों में 12,187 स्वयं सहायता समूह संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें 1,20,000 से अधिक सदस्य हैं। इन समूहों में 2,451 समूह स्वावलंबन के कार्यों में सक्रिय।
- देश के 55 जिलों में स्वयं सहायता वैभवश्री रचना संचालित कर रहे। इनमें 27,494 सदस्य हैं।
- दो वर्ष में स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 25,000 से अधिक लोगों को आत्मनिर्भर बनाया गया।
3536 स्वास्थ्य क्षेत्रों में चल रहे असम के सेवा कार्य
211 छात्रावास हैं भारत में
देशभर में 62 मातृछाया
ऐसे बहुत से शिशु हैं, जिन्हें जन्मोपरांत अस्पातल, पुलिस थानों, नर्सिंग होम या फिर किसी अज्ञात स्थान से अपना निराश्रित जीवन शुरू करना पड़ता है। पर्याप्त देखभाल के अभाव में ऐसे कई शिशु काल-कवलित हो जाते हैं अथवा जन्मजात अस्वस्थ। मातृछाया ऐसे ही बेसहारा और निराश्रित शिशुओं का आश्रय स्थल है। नि:संदेह नि:संतान दंपतियों और निराश्रित शिशुओं को एक-दूसरे के करीब लाकर इनकी जिंदगी खुशहाल बना रहा है ‘मातृछाया’।
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