राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने 16 अप्रैल को बिहार के विभिन्न जिलों में जहरीली शराब के सेवन से हुई मौतों और विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे पीड़ितों की मौतों पर एक मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया है। कथित जहरीली शराब त्रासदी पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए आयोग ने बिहार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर मामले में छह सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
एक वक्तव्य में आयोग की ओर से कहा गया है कि रिपोर्ट में पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी की स्थिति, अस्पताल में भर्ती पीड़ितों का चिकित्सा उपचार और पीड़ित परिवारों को दिया गया मुआवजा, यदि कोई हो, शामिल होना चाहिए। आयोग इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार दोषी अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में भी जानना चाहेगा।
नोटिस जारी करते हुए आयोग ने मीडिया रिपोर्ट पर पाया कि राज्य सरकार प्रथम दृष्टया अप्रैल 2016 से बिहार में लागू अवैध व नकली शराब की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगाने की अपनी नीति के कार्यान्वयन में पर्याप्त रूप से ध्यान नहीं दे रही है। इस तरह की बेरोकटोक शराब त्रासदी की घटनाओं का लगातार घटित होना एक गंभीर मुद्दा है, जिससे हाशिये के लोगों के जीवन के अधिकारों का हनन हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2022 में भी बिहार में जहरीली शराब से कई लोगों की मौत की सूचना मिली थी और आयोग ने मीडिया रिपोर्टों का स्वत: संज्ञान लेने के बाद मामले की जांच के लिए अपनी टीम भेजी थी। वह मामला पहले से ही आयोग के विचाराधीन है।
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