राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने केरल ट्रेन अग्निकांड मामले को अपने हाथ में ले लिया है। सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने गिरफ्तार आरोपी शाहरुख सैफी के खिलाफ आरोप तय करते हुए अपनी जांच शुरू कर दी है। यह कदम गृह मंत्रालय (एमएचए) के तहत एंटी टेररिज्म एंड काउंटर रेडिकलाइजेशन (सीटीसीआर) डिवीजन द्वारा जारी एक आदेश के बाद उठाया गया है।
जाकिर नाइक के वीडियो देखता था जिहादी
दरअसल इस मामले में अब तक जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने सोमवार को कहा था कि आरोपी ‘बेहद कट्टरपंथी’ व्यक्ति है जो पूर्व नियोजित तरीके से अपराध को अंजाम देने के लिए राज्य पहुंचा था। एसआईटी के प्रमुख अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) एम आर अजित कुमार ने कहा कि आरोपी शाहरुख सैफी विवादास्पद इस्लामिक कट्टरपंथी उपदेशक जाकिर नाइक के कट्टरता फैलाने वाले वीडियो देखता था।
क्या था पूरा मामला
2 अप्रैल को, दिल्ली निवासी इस्लामिक जिहादी 27 वर्षीय शाहरुख सैफी ने कोझिकोड में चलती ट्रेन में पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी। बाद में उसने उसी ट्रेन से कन्नूर की यात्रा की और कुछ घंटों के बाद वहां से दूसरी ट्रेन में सवार हुआ और महाराष्ट्र के रत्नागिरी में उतर गया। वहीं इस घटना के चश्मदीद तीन यात्रियों ने डर के मारे चलती ट्रेन से कूद कर जान दे दी, जबकि ट्रेन में सवार नौ अन्य लोग झुलस गए।
पूर्व नियोजित थी घटना
अधिकारियों के अनुसार, अपराध के पीछे एक पूर्व नियोजित साजिश थी और यह एकमात्र व्यक्ति का मिशन नहीं था जैसा कि आरोपी ने कबूल किया है। विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा पूछताछ के समय जिहादी सैफी ने विरोधाभासी बयान दिए। शुरुआत में उसने कहा था कि उसका इस्तेमाल कोई कर रहा है और बाद में यह कहते हुए मुकर गया कि सब कुछ उसके द्वारा ही योजनाबद्ध तरीके से घटना को अंजाम दिया गया था।
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