हिमाचल-यूपी से लगे देहरादून जिले के पश्चिम छोर में ग्राम छरबा में पिछले तीन सालों में एक ऐसी मजार बना दी गई है, जिसके प्रबंधकों ने पूरे तालाब की जमीन को कब्जा लिया है। अब उसे मजार के साथ पिकनिक प्वाइंट बनाने की योजना पर जिहादी मानसिकता काम कर रही है। पछुवा देहरादून के विकास नगर विधानसभा क्षेत्र में करीब 30 किमी की परिधि में 70 से अधिक मजारें, मजार जिहाद का हिस्सा बनी देखी जा सकती हैं। इनमें कुछ वन विभाग, कुछ पीडब्ल्यूडी, कुछ सिंचाई तो कुछ ग्राम पंचायत की जमीनों पर बनाई गई हैं।
छरबा ग्राम में ऐसी ही एक मजार, जिहादियों द्वारा बनाई गई है, जो तालाब की जमीन पर अवैध रूप से अतिक्रमण कर बना दी गई और प्रशासन सोता रहा। जानकारी के मुताबिक पछुवा देहरादून में जनसंख्या असंतुलन होने की वजह से मुस्लिम ही ग्राम प्रधान और पंचायत सदस्य चुने जाने लगे हैं, इनके संरक्षण में ये मजार जिहाद, जमीन जिहाद हो रहा है। जिस स्थान पर ये मजार बनाकर टीन शेड डाला गया है उसके पास ही शौचालय बना दिया गया है। इस मजार के निर्माण से सुप्रीम कोर्ट/हाईकोर्ट के 2009 के उस आदेश का भी उल्लंघन किया है, जिसमें ये कहा गया है कि किसी भी धार्मिक स्थल का निर्माण बिना डीएम की अनुमति से नहीं किया जा सकता।
जहां मजार बनाई गई है, उसके किनारे तलाब है, जो कभी पानी से लबालब रहता था। जानकारी के मुताबिक इस स्थल का चयन अमृत सरोवर योजना के रूप में भी हुआ है, जिसके तहत तालाब को खोदकर गहरा किया जाना था, किंतु यहां तालाब की जमीन पर मजार बना दिए जाने से ये योजना भी खटाई में पड़ गई। ऐसा नहीं है कि ये अवैध मजार स्थानीय प्रशासन और जन प्रतिनिधियों के संज्ञान में नहीं है। सबकुछ सब की जानकारी में है और वे मजार जिहाद पर खामोशी की हरी चादर ओढ़े हुए हैं।
लिख दिया 1836 की मजार
पछुवा देहरादून के राजा जी टाइगर रिजर्व में सहारनपुर रोड पर एक मजार के गेट पर सन 1836 लिख दिया गया है, जबकि बताया गया है कि ये मजार 20 साल पुरानी भी नहीं है। यानी यहां मजार जिहाद के साथ-साथ मजारों पर जिस तरह से जिहादियों का धंधा पानी चल रहा है उस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। हैरानी की बात ये है कि वन विभाग के अधिकारी इन मजारों के बढ़ते स्वरूप पर आंखे कैसे मूंद कर बैठे हुए हैं? एक मजार के आसपास वन विभाग की जमीन पर 10-12 खोके वाले आकर बैठ जाते हैं, जहां उनका प्रसाद, अगरबत्ती, कपड़ा, चुन्नी, झाड़फूंक का धंधा शुरू हो जाता है। देहरादून के वीर सावरकर संगठन के अध्यक्ष कुलदीप स्वेडिया कहते हैं कि वन विभाग के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन चलाने की जरूरत है, जिसकी लापरवाही से देवभूमि पर मजार जिहाद पनप रहा है।
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