सामाजिक समरसता का इससे बेहतर उदाहरण क्या होगा जहां सभी जाति और समाज के बच्चे एक साथ बैठकर भोजन करते हैं, खेल खेलते हैं और भारतीय संस्कृति के विषय में होने वाली चर्चाओं में भाग लेते हैं।
बीते 14 अप्रैल को भारत के संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जन्म दिवस था। इसी दिन से झारखंड के रामगढ़ जिले के 2 स्थानों पर तीन दिवसीय बाल शिविर का आयोजन किया गया। पहला स्थान रामगढ़ शहर स्थित राधा गोविंद स्कूल था। इसमें रामगढ़ शहर और आसपास के क्षेत्रों से लगभग 90 बच्चे शामिल हुए। वहीं दूसरा शिविर इसी जिले के पतरातू क्षेत्र में लगाया गया। बताया गया कि यहां पर भी 144 बच्चों ने शिविर में भाग लिया।
शिविर के उद्घाटन सत्र में सबसे पहले डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के चित्र पर उद्घाटनकर्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संपर्क प्रमुख राजीव कमल बिट्टू, नगर संघचालक प्रवीण झा और वर्ग कार्यवाह संजीव कुमार द्वारा पुष्प अर्पित किया गया। इस दौरान आए हुए बच्चों को राजीव कमल ने संघ का परिचय देने के साथ-साथ संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के विषय में विस्तार से बताया। उन्होंने बच्चों को बताया कि बाबासाहेब ने समरस भारत बनाने के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। उन्होंने कहा कि आज के बच्चों और युवा पीढ़ी को बाबासाहेब से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। इसके बाद उन्होंने बच्चों को वीर शिवाजी, नचिकेता और प्रहलाद की कहानियां सुनाई और उनका उत्साहवर्धन किया।
इस तीन दिवसीय बाल शिविर में बच्चों को भारतीय सनातन संस्कृति की जानकारी के साथ-साथ उनके शारीरिक और मानसिक विकास पर विशेष ध्यान दिया गया। उन्हें बताया गया कि भारत में रहने वाले सभी हिंदू सहोदर हैं। आज के समय में जहां समाज में हिंदुओं को बांटने वाली कई विचारधाराएं घूम रही हैं। हिंदू समाज को जातियों में बांटा जा रहा है।
शिविर में आये शिक्षार्थी और प्रशिक्षक एक साथ एक ही जगह पर ही भोजन करते थे, भोजन के पश्चात अपनी थाली स्वयं ही धोते थे। इसके पीछे का उद्देश्य बताते हुए रामगढ़ नगर विस्तारक नितेश कुमार ने कहा कि इस शिविर में पूरे रामगढ़ नगर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से भी बच्चे आए। कई बच्चे अपने घर में खुद से भोजन भी नहीं करते, लेकिन शिविर में बच्चों ने खुद ही भोजन किया। यहां तक कि अपनी थाली भी धोई।
बच्चों के बौद्धिक विकास के लिए भारत के स्वर्णिम इतिहास की जानकारी दी गई और राष्ट्र के लिए न्योछावर होने वाले कई स्वतंत्रता सेनानियों के विषय में बताया गया। सुबह और शाम संघ की शाखा में बच्चों के मनोरंजन विशेष ध्यान रखा गया। इसके साथ ही बच्चों को ऐसे चलचित्र दिखाए गए जिनसे उनके अंदर भारतीयता का बोध जागृत हो सके।
बता दें कि इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए पिछले 1 महीने से तैयारियां की जा रही थीं। शिविर के दूसरे दिन यानी 15 अप्रैल को संध्या काल में अखंड भारत की रंगोली तैयार की गई। इसके बाद भारत माता की आरती हुई। इस दौरान शहर के कई गणमान्य लोग और बच्चों के कई अभिभावक भी मौजूद रहे।
राजेश अग्रवाल ने बताया कि उनका बेटा पिछले कुछ दिनों से शाखा जाने लगा था और इसी बीच शिविर के आयोजन की जानकारी मिली। उन्होंने खुशी-खुशी अपने बच्चे को इस शिविर में भेजा। इस दौरान अपने बच्चे में अभूतपूर्व परिवर्तन देखने को मिला। कहा कि उनके बेटे को कई तरह की सब्जियां पसंद नहीं थीं, लोगों से मिलने में संकोच करता था, लेकिन अब वह खुलकर लोगों से मिलता है, किसी के साथ भी बातचीत कर सकता है और खाने पीने में भी संकोच नहीं करता।
कार्यक्रम के समापन के दिन कई बच्चों ने अपना अनुभव कथन किया। बच्चों ने बताया कि यहां आने के बाद उन लोगों ने कई सारे नए दोस्त बनाए। जिस खेल के बारे में उन्होंने कभी सुना नहीं था उसे खेलने का मौका मिला। उन्होंने बताया कि कभी उन्हें अपने स्कूल में भी वीर शिवाजी, नचिकेता और प्रहलाद जैसे महान लोगों के बारे में विस्तार से नही बताया गया था लेकिन इस शिविर में आकर सुनने को मिला।
इस कार्यक्रम में जिला संघचालक शत्रुघन प्रसाद, विभाग कार्यवाह संजीत कुमार, विभाग प्रचारक मंटू कुमार, कौशलेंद्र कुमार, मुख्य शिक्षक अनुराग कुमार, दीपक सोनकर, जिला शारीरिक प्रमुख लव कुमार, शिबू कुमार, अभिषेक कुमार आदि मौजूद रहे।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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