हाल ही में जो अमेरिकी गुप्तचर रिपोर्ट लीक हुई है उसने एक के बाद एक कई हैरान करने वाले खुलासे किए हैं। रूस और यूक्रेन सहित दुनिया के विभिन्न देशों में रणनीतिक हलचलों और भविष्य की दिशा के संबंध में कई ऐसी चीजें पता चली हैं कि बड़े बड़े नेता सकते में आ गए हैं। ऐसा ही एक चौंकाने वाला खुलासा चीन की ताइवान को लेकर लगातारा बढ़ती जा रही आक्रामकता के संबंध में हुआ है। इस लीक हुई रिपोर्ट के अनुसार, ड्रैगन किसी भी वक्त ताइवान पर सैन्य हमला बोल सकता है।
इस गोपनीय दस्तावेज के अनुसार, यह हमला चीन की वायु सेना कभी भी बोल सकती है। यानी चीन ताइवान पर हवाई हमलों से युद्ध की शुरुआत करेगा! संभावना को यहां तक जताई जा रही है कि चीनी वायु सेना ताइवान के आसमान को बहुत जल्दी अपने काबू में ले लेगी।
पिछले दिनों पेंटागन यानी अमेरिकी सैन्य अधिष्ठान से लीक हुए इन दस्तावेजों में ऐसी जानकारियां बताई जा रही हैं जो दो देशों के बीच बने संबंधों को पलीता लगा सकते हैं। लेकिन सबसे चौंकाने वाला खुलासा तो ताइवान के बारे में है। इसमें सत्यता इसलिए भी हो सकती है क्योंकि चीन के गत कुछ दिनों के बयान और कार्रवाइयां आक्रामक रही हैं। खासकर ताइवान की राष्ट्रपति की हाल की अमेरिका यात्रा को लेकर।
पहले माना जा रहा था कि 2025 तक चीन ताइवान के विरुद्ध बड़ा हमला बोल सकता है। लेकिन, खुलासे में सामने आई रिपोर्ट इस बारे में ताइवान और अमेरिका ही नहीं, कई अन्य देशों की परेशानी को बढ़ा सकती है। चीन ने हाल में ताइवान पर हमले की तर्ज पर दो बार युद्ध अभ्यास किया भी है। तत्कालीन अमेरिकी संसद अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा से चिढ़े चीन ने पहली बार एक बड़ा युद्धक अभ्यास किया था, दूसरा अब ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग वेन की अमेरिका यात्रा के बाद किया गया। चीनी सेनाओं ने ताइवान को घेरने जैसी व्यूहरचनाएं बनाकर अपनी आक्रामकता को जाहिर किया था।
लीक हुए दस्तावेजों में गंभीर समीक्षा के आधार पर यह बताया गया है कि चीनी वायु सेना जल्दी ही ताइवान के आसमान पर काबू कर सकती है। दूसरी तरह गुप्तचरी की जानकारी बताती है कि ताइवान में टिकने के लिए चीनी सेना को जबरदस्त मुकाबला करना पड़ सकता है। अमेरिका व ताइवान के अन्य सहयोगी देश चीन के विरुद्ध दीवार की तरह खड़े होंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन कई बार कह भी चुके हैं कि ताइवान पर चीन द्वारा हमला बोला जाना एक तरह से अमेरिका पर ही हमला होगा इसलिए ताइवान के बचाव में अमेरिकी फौज ताइवान की ढाल बनेगी।
अमेरिकी समाचार पत्र द वॉशिंगटन पोस्ट ने लीक हुए गुप्तचर दस्तावेज के संबंध में लिखा है कि ताइवान की रक्षा क्षमताओं को देखते हुए इस टापू देश को चीन के हमले के लिए तैयार रहना चाहिए। लीक हुए कागजातों के अनुसार, पेंटागन के सुरक्षा अधिकारी इसके पीछे अनेक कारण गिनाते हैं। लेकिन साथ ही कहते हैं कि चीन की वायु सेना से निपटने के लिए ताइवान को और ताकत जुटानी होगी। फिलहाल वे अपने बूते चीन के हवाई आक्रमण का मुकाबला नहीं कर सकते। जबकि ताइवान के अधिकारियों का दावा एकदम उलट है। वे मानते हैं कि उनकी हवाई सुरक्षा मिसाइलों का सटीक पता लगा सकती है। और साथ ही, ताइवान के ज्यादातर विमान किसी भी मिशन को कामयाब बनाने में सक्षम हैं।
चीन के सैन्य अभियानों का तेजी से बढ़ना, सैन्य अभ्यास के लिए असैन्य जहाजों का इस्तेमाल करना आदि जैसी चीजें अमेरिका की जासूसी एजेंसियों की किसी हमले की योजना की भनक लगाने की ताकत को बेअसर कर रही हैं। लीक हुए दस्तावेजों में गंभीर समीक्षा के आधार पर यह बताया गया है कि चीनी वायु सेना जल्दी ही ताइवान के आसमान पर काबू कर सकती है। दूसरी तरह गुप्तचरी की जानकारी बताती है कि ताइवान में टिकने के लिए चीनी सेना को जबरदस्त मुकाबला करना पड़ सकता है। अमेरिका व ताइवान के अन्य सहयोगी देश चीन के विरुद्ध दीवार की तरह खड़े होंगे।
एक अन्य रिपोर्ट में वॉशिंगटन पोस्ट का कहना है कि अमेरिकी गुप्तचर एजेंसियों को और चीनी जासूसी गुब्बारों का पता चला है। इनमें से एक को इसी साल के शुरू में अमेरिका के ऊपर उड़ान भरता पाया गया था, जिसे बाद में मार गिराया गया था। दूसरा, अमेरिकी कैरियर स्ट्राइक बेड़े के ऊपर से उड़ान भरकर गया था, जबकि तीसरा दक्षिण चीन सागर में गिरा था।
टिप्पणियाँ