समलैंगिक शादी को मान्यता की मांग वाली सभी याचिकाएं की जाएं खारिज, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से किया आग्रह
May 8, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

समलैंगिक शादी को मान्यता की मांग वाली सभी याचिकाएं की जाएं खारिज, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से किया आग्रह

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय बेंच 18 अप्रैल को करेगी सुनवाई

by WEB DESK
Apr 17, 2023, 03:00 pm IST
in भारत, दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

नई दिल्ली। समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में नया हलफनामा दायर किया गया है। केंद्र सरकार ने समलैंगिक जोड़ों को शादी की मान्यता देने की मांग वाली सभी याचिकाओं को खारिज करने का आग्रह किया है। इस मामले पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय बेंच 18 अप्रैल को सुनवाई करेगी।

केंद्र सरकार ने हलफनामे में कहा है कि अदालत नहीं बल्कि केवल संसद ही है, जो इस मुद्दे पर व्यापक विचार विमर्श और भारत के ताने-बाने से जुड़े सभी ग्रामीण और शहरी, अर्ध-ग्रामीण और शहरी संरचनाओं के साथ अलग-अलग धार्मिक संप्रदायों के विचार और व्यक्तिगत कानूनों के अलावा विवाह के क्षेत्र को नियंत्रित करने वाले रीति-रिवाजों को ध्यान में रखते हुए निर्णय ले सकती है। समलैंगिक जोड़ों की शादी भारत के लोकाचार से परे और शहरी और संभ्रांत अवधारणा है। इतना ही नहीं, यह विपरीत लिंग वाले जोड़ों की शादी से अलग जाकर विवाह की अवधारणा का विस्तार एक नई सामाजिक संस्था बनाने जैसा है। केंद्र सरकार समलैंगिक जोड़ों की शादी को मान्यता देने का विरोध करते हुए पहले भी सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर चुकी है।

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा है कि समलैंगिक विवाह प्रकृति के खिलाफ है। भारतीय दंड संहिता की धारा 377 को अपराध की श्रेणी से बाहर करने से समलैंगिक विवाह के लिए मान्यता मांगने का दावा मजबूत नहीं हो जाता है। हालांकि, केंद्र सरकार ने कहा है कि मान्यता न मिलने के बावजूद इस तरह के संबंध गैरकानूनी नहीं है। इतिहास में विपरीत सेक्स के लोगों की शादी को ही आदर्श के रूप में देखा गया है। इसके अलावा किसी अन्य प्रकार की शादी को मान्यता नहीं दी जा सकती है। ऐसा राज्य के अस्तित्व के लिए जरूरी है।

मामले की सुनवाई कर रही संविधान बेंच

इस मामले की सुनवाई कर रही संविधान बेंच में चीफ जस्टिस के अलावा जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस एस रवींद्र भट, जस्टिस हीमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा शामिल हैं। 13 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को संविधान बेंच को रेफर कर दिया था। मामले पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा था कि लेस्बियन या गे कपल का बच्चा कोई जरूरी नहीं है कि लेस्बियन या गे ही होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने 30 जनवरी को दिल्ली हाई कोर्ट में समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की मांग वाली याचिकाओं में से एक याचिकाकर्ता अभिजीत अय्यर मित्रा की याचिका को भी सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था। उसके पहले 6 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न हाई कोर्ट में लंबित याचिकाओं को सुनवाई के लिए अपने पास ट्रांसफर कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट अब सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करेगा।

इन्होंने दायर की है याचिका

एक समलैंगिक जोड़े ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग करते हुए याचिका दायर की है। पिछले दस सालों से एक साथ रहने वाले हैदराबाद के सुप्रियो चक्रवर्ती और अभय डांग की याचिका में कहा गया है कि समलैंगिक विवाह को भी स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत लाया जाना चाहिए। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान दोनों इससे संक्रमित हो गए। अब दोनों ने साथ रहने की नौवीं सालगिरह पर शादी करने का फैसला लिया है। याचिका में स्पेशल मैरिज एक्ट को असंवैधानिक करार देने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि स्पेशल मैरिज एक्ट समान लिंग वाले जोड़ों और विपरीत लिंग वाले जोड़ों में भेदभाव करता है। याचिका में नवतेज सिंह जोहार के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया गया है, जिसमें एलजीबीटी समुदाय के लोगों को बराबरी, गरिमा और निजता के अधिकार दिए गए हैं। ऐसे में एलजीबीटी समुदाय के लोगों को अपनी मर्जी के व्यक्ति से शादी करने का अधिकार मिलना चाहिए।

(सौजन्य सिंडिकेट फीड)

Topics: सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकेंद्र सरकार हलफनामासमलैंगिक शादी सुप्रीम कोर्टसमलैंगिक विवाहsame sex marriagepetition in supreme courtcentral government affidavitसुप्रीम कोर्ट समाचारSupreme Court Newsसमलैंगिक शादी मान्यता
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Congress moves SC to oppose pleas against Places of Worship Act, 1991

समलैंगिक शादियों से जुड़ी पुनर्विचार याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज

‘कल से मैं न्याय नहीं दे पाऊंगा’ : कार्यकाल के अंतिम दिन भावुक हुए CJI चंद्रचूड़, आंसू पोंछ कर मांगी माफी

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ अपने 5 दिन के कार्यकाल में सुनाएंगे ये महत्वपूर्ण फैसले

इस्लामी कट्टरपंथी और भारतीय कानून द्वारा वांछित अपराधी जाकिर नाइक

एक भगोड़ा कैसे कर सकता है अदालत से अनुरोध? : जाकिर नाइक की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में उठा गंभीर सवाल

कांवड़ नेम प्लेट विवाद: SC ने कांवड़ रूट पर नाम लिखने पर लगाई रोक, इन राज्यों को नोटिस हुई जारी

सुप्रीम कोर्ट ने 17 घुसपैठियों को वापस भेजने का दिया आदेश, कहा- उनको दी गई सुविधाएं भारतीय नागरिकों को मिलनी चाहिए

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

राफेल पर मजाक उड़ाना पड़ा भारी : सेना का मजाक उड़ाने पर कांग्रेस नेता अजय राय FIR

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

‘आतंकी जनाजों में लहराते झंडे सब कुछ कह जाते हैं’ : पाकिस्तान फिर बेनकाब, भारत ने सबूत सहित बताया आतंकी गठजोड़ का सच

पाकिस्तान पर भारत की डिजिटल स्ट्राइक : ओटीटी पर पाकिस्तानी फिल्में और वेब सीरीज बैन, नहीं दिखेगा आतंकी देश का कंटेंट

Brahmos Airospace Indian navy

अब लखनऊ ने निकलेगी ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल : 300 करोड़ की लागत से बनी यूनिट तैयार, सैन्य ताकत के लिए 11 मई अहम दिन

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान की आतंकी साजिशें : कश्मीर से काबुल, मॉस्को से लंदन और उससे भी आगे तक

Live Press Briefing on Operation Sindoor by Ministry of External Affairs: ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की प्रेस कॉन्फ्रेंस

ओटीटी पर पाकिस्तानी सीरीज बैन

OTT पर पाकिस्तानी कंटेंट पर स्ट्राइक, गाने- वेब सीरीज सब बैन

सुहाना ने इस्लाम त्याग हिंदू रीति-रिवाज से की शादी

घर वापसी: मुस्लिम लड़की ने इस्लाम त्याग अपनाया सनातन धर्म, शिवम संग लिए सात फेरे

‘ऑपरेशन सिंदूर से रचा नया इतिहास’ : राजनाथ सिंह ने कहा- भारतीय सेनाओं ने दिया अद्भुत शौर्य और पराक्रम का परिचय

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies