केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में कांस्टेबल पद के लिए अब अभ्यर्थी हिन्दी, अंग्रेजी और 13 अन्य भारतीय भाषाओं में लिखित परीक्षा दे सकेंगे। यह सूचना केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को में दी है। मंत्रालय ने कहा कि यह ऐतिहासिक निर्णय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की पहल पर सीएपीएफ में स्थानीय युवाओं की भागीदारी बढ़ाने और क्षेत्रीय भाषाओं को प्रोत्साहन देने के लिए लिया गया है।
मंत्रालय ने कहा कि हिन्दी और अंग्रेजी के अतिरिक्त 13 क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा का आयोजन 01 जनवरी, 2024 से होगा। गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के लिए हिन्दी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) परीक्षा आयोजित करने को मंजूरी दी है। सीएपीएफ में कांस्टेबल पद की परीक्षाएं अब हिन्दी एवं अग्रेजी के साथ असमिया, बंगाली, गुजराती, मराठी, मलयालम, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, ओडिया, उर्दू, पंजाबी, मणिपुरी और कोंकणी में भी आयोजित की जाएंगी।
गृह मंत्रालय का कहना है कि इस निर्णय के परिणामस्वरूप लाखों उम्मीदवार अपनी मातृभाषा/क्षेत्रीय भाषा में परीक्षा में भाग ले सकेंगे। इससे उनके चयन की संभावनाएं बढ़ेंगी। गृह मंत्रालय और कर्मचारी चयन आयोग कई भारतीय भाषाओं में परीक्षा के संचालन की सुविधा के लिए मौजूदा समझौता ज्ञापन से संबंधित एक परिशिष्ट पर हस्ताक्षर करेंगे।
उल्लेखनीय है कि कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी), कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित प्रमुख परीक्षाओं में से एक है। इसमें देशभर से लाखों उम्मीदवार भाग लेते हैं। हिन्दी और अंग्रेजी के अतिरिक्त 13 क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा का आयोजन 01 जनवरी, 2024 से होगा। गृह मंत्रालय का कहना है कि इस निर्णय के बाद ये उम्मीद है कि राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारें स्थानीय युवाओं को अपनी मातृभाषा में परीक्षा देने के इस अवसर का उपयोग करने और देश की सेवा में करियर बनाने के लिए बड़ी संख्या में आगे आने के लिए प्रोत्साहित करने को लेकर व्यापक अभियान शुरू करेंगी।
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