पाकिस्तान में हालात खतरनाक, स्वीडन ने बंद किया अपना दूतावास

राजधानी इस्लामाबाद में किसी देश के दूतावास का बंद होना, दुनिया में उसकी छवि और धूमिल ही कर रहा है

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WEB DESK

भारत के पड़ोस में इस्लामी देश पाकिस्तान की हालत और डावांडोल हो चली है। वहां किसी भी समय हालात हाथ से बाहर निकल सकते हैं। माहौल में अनिश्चितता है और गृहयुद्ध के बादल मंडरा रहे हैं। इन परिस्थितियों को भांपते हुए स्वीडन ने इस्लामाबाद में कार्यरत अपना दूतावास फिलहाल अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया है।

पाकिस्तान में बढ़ रहे खतरे को लेकर हालांकि स्वीडन के दूतावास ने कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया तो जारी नहीं की है। लेकिन पिछले एक हफ्ते से पाकिस्तान की सरकार और वहां के सर्वोच्च न्यायालय में जिस तरह खींचतान बढ़ रही है, बयानबाजियां तीखी होती जा रही हैं, उससे उस इस्लामी देश के सियासी हालात बदतर होते जा रहे हैं। पाकिस्तान एक ‘नाकाम देश’ जैसा बनता जा रहा है।

वहां अराजकता चरत पर है, महंगाई और खाने की कमी से जनता बेहाल है। आईएमएफ से कुछ पैसा मिला है लेकिन राजनीतिक अस्थिरता के चलते उसका सही तरह से व्यय होना भी सोच से परे है। तिस पर नेताओं और फौजी अफसरों की बंदरबांट भी कुख्यात है। ऐसे में वहां की राजधानी में किसी देश के दूतावास का बंद होना, दुनिया में उसकी छवि को और धूमिल ही कर रहा है।

कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले दिनों स्वीडन में कुरान को सरेआम जलाए जाने की कुछ घटनाएं हुई थीं। इन घटनाओं पर इस्लामी देशों में कड़ी प्रतिक्रियाएं हुई थीं। प्रदर्शन हुए थे। इसका खामियाजा कहीं इस्लामाबाद में कार्यरत स्वीडन के दूतावास के कर्मचारियों को न भोगना पड़े इसलिए शायद स्वीडिश दूतावास को बंद करने का फैसला किया गया है।

स्वीडन के दूतावास के बंद होने के पीछे बताया जा रहा है कि इस्लामाबाद में सुरक्षा की स्थिति ठीक नहीं है। अभी यह भी साफ नहीं है कि स्वीडन इस्लामाबाद का अपना दूतावास वापस कब खोलेगा। दूतावास का आव्रजन विभाग किसी भी तरह के आवेदनों पर काम करने की स्थिति में नहीं है इसलिए वह दूतावास बाहर से उसमें आने वालों के लिए बंद हो चुका है।

ताजा घटनाक्रम पर स्वीडिश सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना इतना ही कहती है कि ‘हम अपने वाणिज्य दूतावास में कोई कागजात नहीं भेज सकते। हम जानते हैं कि इससे दिक्कत होगी। लेकिन यह भी तय है कि हमारे आगंतुकों और कर्मचारियों की हिफाजत सबसे पहले है’। अधिसूचना में उल्लेख है कि दूतावास को दोबारा खोलने के बारे में कुछ स्पश्ट नहीं बताया जा सकता।

कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले दिनों स्वीडन में कुरान को सरेआम जलाए जाने की कुछ घटनाएं हुई थीं। इन घटनाओं पर इस्लामी देशों में कड़ी प्रतिक्रियाएं हुई थीं। प्रदर्शन हुए थे। इसका खामियाजा कहीं इस्लामाबाद में कार्यरत स्वीडन के दूतावास के कर्मचारियों को न भोगना पड़े इसलिए शायद स्वीडिश दूतावास को बंद करने का फैसला किया गया है।

गत 21 जनवरी को स्टॉकहोम में तुर्किए के दूतावास के सामने एक दक्षिणपंथी माने जाने वाले नेता ने सरेआम कुरान की प्रति जलाई थी। इस घटना की इस्लामी जगत में खूब भर्त्सना हुई थी, हिंसक प्रदर्शन हुए थे। उसके बाद भी वहां कुरान जलाने की छिटपुट घटनाएं देखने में आई थीं।

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