जी-20 के सभी सदस्यों के बीच इस पर सहमति है कि क्रिप्टो करेंसी पर वैश्विक नियम होना चाहिए। क्रिप्टो करेंसी व संपत्ति पर कोई भी कार्रवाई वैश्विक होनी चाहिए। क्रिप्टो करेंसी के साथ काम करने वाला एक स्वतंत्र स्टैंडअलोन देश होना संभव नहीं है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह बात कही।
वित्त मंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है। सीतारमण ने गुरुवार को वाशिंगटन में जी-20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों (एफएमसीबीजी) बैठक के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए यह बात कही। सीतारमण ने कहा कि एफएमसीबीजी ने कम आय वाले और कमजोर मध्य-आय वाले देशों में बढ़ते ऋण संकट को दूर करने की दिशा में बहुपक्षीय समन्वय को मजबूत करने सहित ऋण कमजोरियों को दूर करने की तात्कालिकता को पहचाना।
वित्त मंत्री ने कहा कि कहा कि हम निश्चित रूप से जापान की सरकार के साथ ज्यादा से ज्यादा बातचीत करने की उम्मीद कर रहे हैं। जी-7 अध्यक्ष के रूप में इसकी क्षमता में सहयोग और पारस्परिक हित के संभावित क्षेत्रों का पता लगाया जा रहा है, ताकि समय की मांग के अनुसार वैश्विक आवश्यकताओं को पूरा कर सकें। अपने संबोधन में सीतारमण ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद की विकास आवश्यकताओं पर और अधिक ध्यान दिया जा रहा है। हम विश्व बैंक के लिए मुख्य दो चीजों पर भी प्रकाश डाल रहे हैं, जो अत्यधिक गरीबी उन्मूलन और इसके बाद समृद्धि लाना है।
उन्होंने कहा कि जलवायु, जलवायु वित्त आदि से संबंधित सतत और अन्य लक्ष्यों को अब तीसरा स्तंभ बनाना होगा। भारत ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला है कि विश्व बैंक के लक्ष्यों के अनुरूप होने और न केवल उन पर संतुलन बनाने के लिए, हमें इन तत्वों को भी शामिल करने की आवश्यकता है। गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 6 दिवसीय अमेरिका दौरे पर हैं।
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