ब्रिटेन में बसे पाकिस्तानी पिछले कितने ही सालों से उस देश में कानून-व्यवस्था की धज्जियां उड़ाते हुए अनेक अपराध करते आ रहे हैं। विषेशकर, महिलाओं के प्रति अपराधों में ज्यादातर उन्हीं का हाथ पाया गया है। ब्रिटेन की युवतियों को मादक पदार्थ खिलाकर उनका बलात्कार करना, गैंग रेप करना, सरेराह ओछी हरकतें करना आदि कुकर्मों के आंकड़े, आज से नहीं पिछले करीब 25 साल से पाकिस्तानियों की संलिप्तता उजागर करते आ रहे हैं। ब्रिटेन की गृहमंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने गत दिनों एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में इस बात का उल्लेख क्या किया, वहां बसे पाकिस्तानी बुरी तरह चिढ़ गए। कल उन्होंने प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को इस बारे में शिकायती चिट्ठी लिख दी कि हम ‘बहुत आहत’ हुए हैं।
सुएला ब्रेवरमैन की उक्त टिप्पणी ने ठीक वहां असर किया है जहां उसे करना चाहिए था। ब्रिटेन के नागरिक तो इस सच को न जाने कबसे जानते-झेलते आ रहे हैं। पाकिस्तानियों ने वहां हर बड़े शहर में ऐसा ही आतंक मचा रखा है।
अब हुआ यूं है कि खुद को वहां बसे पाकिस्तानियों की सरपरस्त बताने वाली ‘ब्रिटिश पाकिस्तानी फाउंडेशन’ की ओर से पीएम सुनक को पत्र लिखा गया है कि ‘कैबिनेट मंत्री सुएला की गैर जिम्मेदार टिप्पणियों को वापस लें’। इस फाउंडेशन के अलावा कुछ अन्य पाकिस्तानी संगठनों ने भी ऐसे ही पत्र लिखकर भेजे हैं। सुएला का सच हजम नहीं हुआ है उन्हें। इन पत्रों के माध्यम से सुएला के कहे की सफाई मांगी गई है।
ब्रिटेन की गृहमंत्री सुएला के आंकड़ों पर आधारित बयान के बाद वहां विवाद खड़ा करने की कोशिशें हो रही हैं। सुएला ने तो सिर्फ युवतियों के शोषण की ही बात नहीं की थी, पाकिस्तानी अपराधी सोच वालों ने तो बाल यौन शोषण में भी अपना और अपने देश का नाम कुख्यात किया हुआ है।
सुएला ब्रिटेन की गृहमंत्री जैसे जिम्मेदार पद पर हैं और अगर कुछ कह रही हैं तो निश्चित ही उनके पास ऐसे आंकड़े हैं। इन पाकिस्तानियों को इतनी सी बात समझ में नहीं आती। इनकी कट्टर सोच पाकिस्तान का नाम आते ही बिलबिला उठती है। लेकिन सच तो यह है कि ब्रिटेन के अधिकांश समझदार लोग सुएला की बातों पर यकीन कर रहे हैं, क्योंकि वे आएदिन ऐसा होते देख रहे हैं।
ब्रिटिश पाकिस्तानी फाउंडेशन ने पीएम सुनक को लिखा है कि अपने गैर-जिम्मेदार शब्दों को कैबिनेट मंत्री सुएला वापस लें। इस पत्र में लिखा गया है कि गृहमंत्री के बयान पाकिस्तानियों को ‘निराशा’ हुई, वे चिंता में हैं, लेकिन सुनक इस पर कोई बयान नहीं दे रहे हैं। बता दें कि ब्रिटेन में एक नई ‘ग्रूमिंग गैंग्स टास्क फोर्स’ शुरू की गई है, जो इस तरह के अपराधी गुटों पर निगरानी रखेगी।
‘आहत’ पाकिस्तानियों की तरफ से फाउंडेशन के पत्र में लिखा गया है कि सुएला के ऐसे शब्दों से पूरे समुदाय पर ‘धब्बा’ लगता है। उनकी ऐसी बात से अल्पसंख्यकों यानी ‘पाकिस्तानियों’ के विरुद्ध ‘हिंसा बढ़ जाएगी’। इस चिट्ठी में उन 21 आदमियों और महिलाओं को दी गई सजा का उल्लेख भी किया गया है, जिन्हें करीब दस साल तक बाल यौन शोषण का दोषी पाया गया था। पीएम सुनक से अपील की गई है कि सुएला अपने दावे को स्पश्ट करें और ऐसे शब्द वापस लें।
हैरानी की बात है कि ब्रिटेन में बसे पाकिस्तानी या उनकी उक्त फाउंडेषन पाकिस्तानियों की संलिप्तता में ऐसे अपराधों का खुलासा होने पर चुप रहते हैं। वे तब जानकर भी अंजान बने रहते हैं। वहां की मस्जिदें हिंसक और अपराधी प्रवृत्ति के पाकिस्तानियों को कथित संरक्षण देती हैं। पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री जॉन मेजर ने करीब 25 साल पहले खुद संसद में इस चलन पर चिंता जताई थी। तब से अधिकांशतः पाकिस्तानी ही बलात्कार, गैंग रेप, हत्या, राहजनी, लूट, डकैती जैसे अपराधों में संलिप्त पाए जाते रहे हैं।
उस वक्त यानी 1995 के आसपास जब तत्कालीन प्रधानमंत्री मेजर ने इसी बात का उल्लेख किया था तब मस्जिदों की ऐसे पाकिस्तानियों को बचाने की ओछी हरकतें सामने आई थीं। इसके बाद मस्जिदों की छानबीन की कोशिशें की गईं। लेकिन उक्त फाउंडेशन जैसे कट्टर पाकिस्तानी गुटों ने मस्जिद में ‘दखल’ देने से पहले ऐसे ‘नियम’ बना दिए कि उन तक पुलिस की पहुंच असंभव हो गई। हारकर वह बात कहीं दब गई।
सुएला ब्रिटेन की गृहमंत्री जैसे जिम्मेदार पद पर हैं और अगर कुछ कह रही हैं तो निश्चित ही उनके पास ऐसे आंकड़े हैं। इन पाकिस्तानियों को इतनी सी बात समझ में नहीं आती। इनकी कट्टर सोच पाकिस्तान का नाम आते ही बिलबिला उठती है। लेकिन सच तो यह है कि ब्रिटेन के अधिकांश समझदार लोग सुएला की बातों पर यकीन कर रहे हैं, क्योंकि वे आएदिन ऐसा होते देख रहे हैं।
बहरहाल, जिस नई टास्कफोर्स का गठन किया गया है वह पुलिस की अगुआई में काम करेगी तथा डाटा विषेशज्ञ नए ‘ग्रूमिंग गैंग्स टास्कफोर्स’ के साथ तालमेल में काम देखेंगे। ऐसे अपराधों को करने वाले अपराधियों की सटीक पहचान करने के लिए ताजातरीन डाटा और गुप्तचर जानकारी का सहारा लिया जाएगा।
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