एशियन एलिफेंट कॉरिडोर में अतिक्रमण, रास्ता बदल रहे हैं हाथियों के झुंड
July 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

एशियन एलिफेंट कॉरिडोर में अतिक्रमण, रास्ता बदल रहे हैं हाथियों के झुंड

जंगल को जंगल यदि रहने दिया जाए तो हाथी ही नहीं सभी वन्य जीवों के लिए सही और परंपरागत रास्ते ही बेहतर हैं, अन्यथा मानव-वन्यजीव संघर्ष की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।

by दिनेश मानसेरा
Apr 12, 2023, 11:47 am IST
in भारत, उत्तराखंड
प्रतीकात्मक चित्र

प्रतीकात्मक चित्र

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

उत्तराखंड के जंगलों में विचरने वाले हाथी अब नए नए रास्ते ढूंढ रहे हैं। उत्तराखंड का भावर क्षेत्र का जंगल, एशियन एलिफेंट कॉरिडोर का हिस्सा है, जहां से हाथियों के झुंड आते जाते रहते हैं और ये झुंड नेपाल से भारत आते हुए भूटान और फिर आगे अरुणाचल के जंगल तक आते जाते रहते हैं।

जानकारी के मुताबिक जंगल किनारे नहर, सड़क, रेल और पावर प्रोजेक्ट्स बन जाने की वजह से एशियन एलिफेंट कॉरिडर में हाथियों का विचरण प्रभावित हुआ है। नेपाल सीमा से लगे पीलीभीत दुधवा टाइगर रिजर्व, नंधौर वाइल्डलाइफ और सुरई फॉरेस्ट रिजर्व में हाथियों का विचरना पिछले कुछ सालों से परिवर्तित हो रहा है। नेपाल आने जाने के लिए हाथी भावर क्षेत्र का मैदान छोड़कर, शारदा नदी किनारे खलढूंगा की पहाड़ी चढ़कर आ जा रहे हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है कि जंगल किनारे मानव बस्तियां खड़ी हो गईं और उनके रास्ते को बाधित कर रही हैं। नेपाल के वन क्षेत्रों में अतिक्रमण बहुत ज्यादा फैलने से हाथियों के मार्ग बाधित हो गए हैं। उत्तराखंड में 22 किमी चौड़ा और करीब 130 किमी लंबा एलिफेंट कॉरिडर नेपाल सीमा से लगा हुआ है।

पहाड़ पर हाथी

नंधौर वन क्षेत्र में रिसर्च स्कॉलर रहे डॉ शाह बिलाल बताते हैं कि कैमरा ट्रैपिंग में ये बात सामने आई है कि हाथी अपने पुराने रास्ते छोड़ रहे हैं और पहाड़ों की तरफ चढ़कर नेपाल सीमा में प्रवेश रहे हैं और ऐसा वे राजा जी और कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में भी कर रहे हैं। जहां नहर बन गई है वो अब वहां से रास्ता बदल ले रहे हैं। हिमाचल की यमुना नदी से नेपाल की शारदा नदी तक भावर तराई के जंगल में हाथियों का मूवमेंट ज्यादा रहता है। इस समय हाथियों के परंपरागत रास्ते छोड़कर कई किमी लंबा चक्कर लगाकर पहाड़ियों पर चक्कर काटकर नीचे की तरफ उतर रहे हैं।

सुरई और अन्य वाइल्डलाइफ सेंचुरी में अध्ययन करने वाले डॉ. विपुल मौर्य बताते हैं कि हाथियों के लिए नए रास्ते चुनना हमारे लिए शोध का विषय है, हाथी खाई में नहीं उतर सकता, लेकिन उसने पहाड़ के सुगम रास्ते खोज लिए हैं और अब हमे ये देखना है कि जंगल में यदि और अड़चन आई तो वे आबादी को तहस नहस करने में भी संकोच नहीं करेंगे। ऐसे मामले हमने राजा जी टाइगर रिजर्व में ऋषिकेश हरिद्वार के आसपास देखे हैं। तराई और हरिद्वार में रेल की रफ्तार ने कई हाथियों की जान ली है। हमे उनकी सुरक्षा की भी चिंता करनी होगी।

यमुना वृत के फॉरेस्ट कंजरवेटर डॉ विनय भार्गव बताते हैं कि हाथियों ने अपने मार्ग बदलने के लिए स्वाभाविक रूप से प्रयास करते हैं, जहां उन्हें लगता है कि नहर है, ढाल ज्यादा है वो दूसरे रास्ते को चुनते हैं और झुंड में साथ चल रहे छोटे-छोटे हाथी, बड़े हाथी का अनुसरण करते हैं और फिर धीरे-धीरे वो नए हालात नए मार्ग के लिए अभ्यस्त हो जाते हैं, लेकिन जंगल को जंगल यदि रहने दिया जाए तो हाथी ही नहीं सभी वन्य जीवों के लिए सही और परंपरागत रास्ते ही बेहतर हैं, अन्यथा मानव-वन्यजीव संघर्ष की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।

Topics: हाथियों का रास्ताएलिफेंट कॉरिडोरउत्तराखंड में हाथियों का झुंडAsian Elephant Corridorherd of elephantsway of elephantselephant corridorअतिक्रमणEncroachmentएशियन एलिफेंट कॉरिडोरहाथियों का झुंड
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Haridwar Illegal majars

उत्तराखंड: कौन कर रहा देवभूमि के मूल स्वरूप को नष्ट करने की कोशिश, चल रही अवैध मजारों की साजिश

Uttarakhand Majars

उत्तराखंड: काशीपुर भुल्लन शाह मजार पर अवैध निर्माण, दो हफ्ते का नोटिस, 5 माह बाद भी कार्रवाई नहीं

Uttrakhand cemetry demolished

उत्तराखंड: काशीपुर, कब्रिस्तान मार्ग का पुराना गेट प्रशासन ने ढहाया, सड़क मार्ग खुला

Uttarakhand Ancroachment

उत्तराखंड: पछुवा देहरादून में ऊर्जा विभाग की कॉलोनियों में बाहरी लोगों के अवैध कब्जे, सौर ऊर्जा निवेशक परेशान

Nainital High court on encroachment

उत्तराखंड: देहरादून में नदी नालों जलस्रोतों पर अतिक्रमण, हाई कोर्ट सख्त, शीर्ष अधिकारियों को तलब कर दी हिदायत

अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों का खतरनाक खेल : दिल्ली में नौकरी से लेकर हवाला तक, देश की सुरक्षा दांव पर!

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

लव जिहाद : राजू नहीं था, निकला वसीम, सऊदी से बलरामपुर तक की कहानी

सऊदी में छांगुर ने खेला कन्वर्जन का खेल, बनवा दिया गंदा वीडियो : खुलासा करने पर हिन्दू युवती को दी जा रहीं धमकियां

स्वामी दीपांकर

भिक्षा यात्रा 1 करोड़ हिंदुओं को कर चुकी है एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने का संकल्प

पीले दांतों से ऐसे पाएं छुटकारा

इन घरेलू उपायों की मदद से पाएं पीले दांतों से छुटकारा

कभी भीख मांगता था हिंदुओं को मुस्लिम बनाने वाला ‘मौलाना छांगुर’

सनातन के पदचिह्न: थाईलैंड में जीवित है हिंदू संस्कृति की विरासत

कुमारी ए.आर. अनघा और कुमारी राजेश्वरी

अनघा और राजेश्वरी ने बढ़ाया कल्याण आश्रम का मान

ऑपरेशन कालनेमि का असर : उत्तराखंड में बंग्लादेशी सहित 25 ढोंगी गिरफ्तार

Ajit Doval

अजीत डोभाल ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्तान के झूठे दावों की बताई सच्चाई

Pushkar Singh Dhami in BMS

कॉर्बेट पार्क में सीएम धामी की सफारी: जिप्सी फिटनेस मामले में ड्राइवर मोहम्मद उमर निलंबित

Uttarakhand Illegal Majars

हरिद्वार: टिहरी डैम प्रभावितों की सरकारी भूमि पर अवैध मजार, जांच शुरू

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies