नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को सभी से, विशेषकर भारत के युवाओं से सीमावर्ती गांवों में जाने का आग्रह किया है। पीएम मोदी ने कहा कि यह हमारे युवाओं को विभिन्न संस्कृतियों से परिचित कराएगा और उन्हें वहां रहने वालों के आतिथ्य का अनुभव करने का अवसर देगा।
एक ट्वीट में अमृत महोत्सव के ट्विटर हैंडल से बताया गया कि ओडिशा के युवा वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत किबिथू और तूतिंग गांवों के दौरे पर हैं। वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम युवाओं को इस पूर्वोत्तर क्षेत्र की जीवन शैली, जनजातियों, लोक संगीत और हस्तशिल्प के बारे में जानने तथा इसके स्थानीय जायके और प्राकृतिक सुंदरता में खुद को तल्लीन करने का अवसर दे रहा है।
अमृत महोत्सव के ट्वीट के जवाब में प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, “एक यादगार अनुभव रहा होगा। मैं दूसरों से, विशेष रूप से भारत के युवाओं से सीमावर्ती गांवों का दौरा करने का आग्रह करूंगा। यह हमारे युवाओं को विभिन्न संस्कृतियों से परिचित कराएगा और उन्हें वहां रहने वालों के आतिथ्य का अनुभव करने का अवसर देगा।”
अमृत महोत्सव के ट्विटर हैंडल की ओर से कहा गया कि #VibrantVillagesProgram सांस्कृतिक और पारंपरिक आदान-प्रदान, हमारे दूरदराज के सीमावर्ती गांवों की विविधता का जश्न मनाने और उन्हें राष्ट्रीय मुख्यधारा में लाने का एक शानदार तरीका है। एक अन्य ट्वीट में कहा गया कि वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम युवाओं को इस पूर्वोत्तर क्षेत्र की जीवन शैली, जनजातियों, लोक संगीत और हस्तशिल्प के बारे में जानने और खुद को इसके स्थानीय स्वाद और प्राकृतिक सुंदरता में रमने का अवसर दे रहा है। इसमें आईटीबीपी के जवानों और अन्य अर्द्ध सैन्य बलों के बहादुरों के साथ बातचीत भी होगी। युवा रणनीतिक और युद्धकौशल को समझेंगे। वे चुनौतियों का सामना कर सकेंगे। सीमावर्ती गांव सुंदरता और अवसरों से भरे हुए हैं। वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए रास्ते खोलेगा और पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा। विशेष रूप से, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को अरुणाचल प्रदेश के किबिथू में ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ की शुरुआत की और उन्होंने कहा था कि कोई भी हमारी भूमि का सुई की नोक के बराबर भी अतिक्रमण नहीं कर सकता है।
जानिये क्या है योजना, की गई है दो हजार से अधिक गांवों की पहचान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2025-26 के लिए विशेष रूप से सड़क संपर्क के लिए 2,500 करोड़ रुपये सहित 4,800 करोड़ रुपये के केंद्रीय घटकों के साथ वाईब्रेंट विलेज प्रोग्राम (वीवीपी) को मंजूरी दी है। वीवीपी केंद्र की योजना है जिसके तहत व्यापक विकास के लिए अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में उत्तरी सीमा से सटे 19 जिलों के 46 ब्लॉकों में 2,967 गांवों की पहचान की गई है। पहले चरण में प्राथमिकता के तौर पर 662 गांवों का चयन किया गया है, जिसमें अरुणाचल प्रदेश के 455 गांव शामिल हैं।
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