लखनऊ। माफिया अतीक अहमद को साबरमती जेल से दोबारा प्रयागराज लाया जा रहा है। एक पुराने मुकदमे में सुनवाई के दौरान अतीक अहमद को न्यायालय में पेश किया जाएगा। साबरमती जेल से बाहर निकलने के बाद अतीक अहमद को एक बार फिर डर सता रहा है। अतीक ने कहा ” वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हो सकती थी, इसके बावजूद मुझे सड़क मार्ग से ले जाया जा रहा है। इन लोगों की नीयत सही नहीं है। मुझे मारना चाहते हैं।” गत दिनों बरेली जेल से पेशी पर आए अशरफ ने भी कहा था कि पुलिस के एक बड़े अधिकारी ने उसे जान से मारने की धमकी दी है।
24 फरवरी को हुई थी उमेश पाल की हत्या
24 फरवरी को प्रयागराज जनपद के धूमनगंज क्षेत्र में उमेश पाल की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। उमेश पाल, बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह थे। इस हमले में दोनों गनर की भी मृत्यु हो गई। राजू पाल की हत्या के मुकदमे की सुनवाई काफी तेजी से चल रही है। इसी दौरान 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या हो गई। बता दें कि वर्ष 2005 में जब विधायक राजू पाल की हत्या के मुकदमे की सुनवाई शुरू हुई तो सभी गवाह पक्षद्रोही हो गए थे। जिस समय मुकदमे की सुनवाई हो रही थी उस समय सपा का शासनकाल था। उसके बाद राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी कि सपा के शासनकाल में अभियुक्तगण अत्यंत प्रभावी हैं, इसलिए ट्रायल पर रोक लगा दी जाय। उच्च न्यायालय ने ट्रायल पर रोक लगा दी थी। जैसे ही बसपा की सरकार वर्ष 2007 में बनी अतीक अहमद और उसके भाई के खिलाफ मुक़दमे दर्ज किए गए। राजू पाल हत्याकांड के गवाह जो कोर्ट में मुकर गए थे, उन सभी ने थाने में एफआईआर लिखवाई कि उनका अपहरण कर लिया गया था और यह कहा गया था कि कोर्ट में अगर नहीं मुकरोगे तो जान से मार दिए जाओगे। इसलिए जान के डर से कोर्ट में बयान से मुकरना पड़ा था। राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल समेत अन्य कई लोगों ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था।
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