श्री हेमकुंड साहिब में प्रबंधकों के पहले जत्थे ने गुरुद्वारा पहुंचकर हालात का जायजा लिया है। गुरुद्वारा के कपाट 20 मई को खोले जाने हैं और 20 अप्रैल से सेना के सिख रेजीमेंट के जवान कार सेवा करने यहां पहुंचेंगे। ये जवान घांघरिया यानी गोविंद धाम से गुरुद्वारा तक करीब 6 किमी और गुरुद्वारा के आसपास की बर्फ को हटाएंगे।
गोविंद घाट से गोविंद धाम तक करीब 13 किमी के रास्ते को ठीक करने और बर्फ हटाने का काम पीडब्ल्यूडी मजदूर करने पहुंच गए हैं। जिनके रहने और लंगर की व्यवस्था गुरुद्वारा के प्रबंधकों द्वारा की गई है।
उल्लेखनीय है कि गुरुद्वारा परिसर में ऑक्सीजन की कमी रहती है, लिहाजा वहां दोपहर बाद रुकने में दिक्कत रहती है। इसलिए गुरुद्वारा प्रबंधकों द्वारा परंपरागत तरीके से कार सेवा की जाती है। श्री हेमकुंड मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष स. नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने बताया कि मई माह की 20 तारीख को प्रात: श्री गुरुद्वारा साहिब के द्वार, गुरु की अरदास के साथ खोले जाएंगे।
नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने बताया कि 20 अप्रैल को गोविंद घाट, गोविंद धाम घांघरिया से सेना के सिख रेजीमेंट का दल बर्फ हटाने के लिए प्रस्थान करेगा। बर्फ हटाने का काम 20 मई से पूर्व पूरा करवा लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि यात्रियों की बेहतर सुविधाओं के लिए इस बार गुरुद्वारा ट्रस्ट कोशिश कर रहा है, ऋषिकेश से गोविंदघाट तक रास्ते में यात्रियों के रुकने के लिए जन सुविधाओं के लिए काम शुरू हो चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि श्री हेमकुंड साहिब में 10वें गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज ने अपने पिछले जन्म में तपस्या की थी। ऐसा उन्होंने अपने लिखे ग्रंथ विचित्र नाटक में लिखा था, जिसके बाद उनके अनुयायियों इस स्थान को खोजा था और यहां श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा की स्थापना हुई। गुरुद्वारे के पास ही लक्ष्मण मंदिर भी है, जहां श्रद्धालु जाकर माथा टेकते हैं।
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