ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग पर साइंटिफिक सर्वे की मांग को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल है। 5 अप्रैल को इस मामले पर सुनवाई होनी थी मगर आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की ओर से कोर्ट में जवाब दाखिल नहीं किया गया। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से 17 अप्रैल को जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। इसके साथ ही यह भी कहा है कि आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को अंतिम बार मौका दिया जा रहा है।
कोर्ट ने पिछली तारीख पर पूछा था कि क्या बिना नुकसान पहुंचाए शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की जा सकती है। इस पर आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की ओर से कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया जाना है। उल्लेखनीय है कि वाराणसी जनपद न्यायालय ने हिन्दू पक्ष की कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक परीक्षण की मांग को खारिज कर दिया था। न्यायालय के अनुसार ज्ञानवापी परिसर को सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार पर सील किया गया है। लोगों की जनभावना जुड़ी है।
कोर्ट कमिश्नर के सर्वे में परिसर में शिवलिंग की बात सामने आई थी। इसलिए शिवलिंग को सुरक्षित रखने का आदेश दिया गया था। ऐसे में कार्बन डेटिंग या कोई भी परीक्षण करने से शिवलिंग क्षतिग्रस्त हो सकता है। जिला न्यायालय से इस पर कोई भी आदेश देना, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होगा। पुरातात्विक सर्वेक्षण का निर्देश दिया जाना उचित नहीं होगा। 16 मई को ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे हुआ था। उस सर्वे में शिवलिंग मिला। इसके बाद चार वादी महिलाओं ने बिना क्षति पहुंचाए कार्बन डेटिंग की मांग की थी।
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