केदारनाथ में हाल ही में हुई बर्फबारी के बाद अब बर्फ को हटाने के लिए कवायद शुरू हो गई है। उधर बदरीनाथ में भी कॉरिडोर के काम में बर्फ की वजह से बाधा उत्पन्न हो रही है। 24 अप्रैल से चारधाम के कपाट खुलने शुरू हो जाएंगे, जिसकी तैयारियों के लिए जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
केदारनाथ धाम में चार से लेकर 12 फिट तक बर्फ जमा है। मंदिर तक पहुंचने के रास्ते में आठ से 10 फुट तक बर्फ जमी हुई है। बर्फ को काटने और रास्ता बनाने के लिए एसडीआरएफ के साथ मजदूरों को लगाया गया है। मंदिर तक एक गुफानुमा रास्ता तैयार कर लिया गया है। अप्रैल माह में कई साल बाद ऐसी बर्फ जमी हुई देखी गई है। इन दिनों भी कड़ाके की सर्दी पड़ रही है और आए दिन बूंदा बांदी हो जाने से तापमान गिर रहा है, जिसका नतीजा ये हो रहा है कि बर्फ पिघलने की रफ्तार धीमी हो रही है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार कपाट खुलने के वक्त मंदिर परिसर में बर्फ जमा मिलेगी।
बदरीनाथ धाम में भी कॉरिडोर बनाने का काम शुरू है, लेकिन वहां भी जमा बर्फ और मौसम रोज विकास के काम में बाधा उत्पन्न कर रहा है। यहां करीब 600 करोड़ रुपए व्यय करके काशी की तर्ज पर पीएम मोदी की योजना के अनुसार कॉरिडोर का निर्माण कराया जा रहा है। बदरीनाथ धाम में यात्रियों की सुविधाएं बढ़ाने के लिए मास्टर प्लान बनाया गया है।
यमुनोत्री से भी बर्फ हटाने का काम शुरू हो चुका है और गंगोत्री धाम में भी यात्रा की तैयारियों के लिए समीक्षा की गई है। श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे के कपाट अगले माह की 20 तारीख को खुलने जा रहे हैं, वहां जमा बर्फ को हटाने के लिए सेना के सिख रेजीमेंट के जवान बीस अप्रैल को गोविंद घाट से रवाना होंगे।
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