हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने शुक्रवार को 100वां सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान मरम्मत और ओवरहालिंग करने के बाद वायु सेना को सौंप दिया है। इसी के साथ आज ही एचएएल ने लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस का उत्पादन बढ़ाने के लिए तीसरी असेंबली लाइन खोली है, जिसका उद्घाटन देश के रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने किया। उन्होंने एचएएल को रक्षा बाजार में आक्रामक रूप से प्रतिस्पर्धा करने और मानव रहित वाहनों जैसे नए क्षेत्रों का पता लगाने के लिए नई पहल करने का आह्वान किया।
रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने एचएएल के नासिक डिवीजन में आज लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) का उत्पादन करने के लिए नये प्लांट का उद्घाटन किया। इस तीसरी असेंबली लाइन के खुलने से एलसीए के उत्पादन में तेजी आएगी। एलसीए को शुरुआत में एलसीए मार्क-1 और मार्क-1ए के 18 ट्रेनर विमान बनाने हैं, जिसमें से पहले एफओसी ट्रेनर ने 5 अप्रैल को 35 मिनट तक हवा में अपनी पहली उड़ान भरी। एलसीए की दूसरी असेंबली लाइन का उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फरवरी, 21 में एचएएल की बेंगलुरु यूनिट में किया था। इसके दूसरे दिन 03 फरवरी को एचएएल से 83 एलसीए विमानों की डील एयरो इंडिया के दौरान हुई थी।
एचएएल के नासिक डिवीजन में ही वायु सेना के सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों की मरम्मत और ओवरहालिंग करके आधुनिकीकरण किया जा रहा है। 100वें सुखोई विमान का सिग्नल आउट सर्टिफिकेट (एसओसी) वायु सेना के असिस्टेंट चीफ ऑफ एयर स्टाफ (इंजी ए) एयर वाइस मार्शल सरीन को सौंपा गया। इस मौके पर मौजूद एचएएल के सीएमडी, सीबी अनंतकृष्णन ने कहा कि नई असेंबली लाइन प्रतिवर्ष एलसीए एमके1ए की उत्पादन क्षमता 16 से बढ़ाकर 24 कर देगी। उन्होंने बताया कि तमाम चुनौतियों के बावजूद एचएएल के नासिक डिवीजन ने प्रति वर्ष 20 सुखोई-30 विमानों की मरम्मत और ओवरहालिंग की है।
रक्षा सचिव ने सुखोई-30 एमकेआई के लिए मरम्मत और ओवरहालिंग सुविधा और एलसीए के लिए नई असेंबली लाइन स्थापित करने में एचएएल के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि एचएएल देश की सुरक्षा जरूरतों को पूरा कर रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में एचएएल और अधिक उत्पादन करेगा। इसके अलावा उन्होंने एचएएल को रक्षा बाजार में आक्रामक रूप से प्रतिस्पर्धा करने और मानव रहित वाहनों जैसे नए क्षेत्रों का पता लगाने के लिए नई पहल करने का आह्वान किया, क्योंकि देश को ऐसी उन्नत प्रणालियों की आवश्यकता है।
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