पश्चिम बंगाल में रामनवमी की शोभायात्राओं पर हुए हमले और उसके बाद भड़की सांप्रदायिक हिंसा को लेकर चौतरफा आलोचना के बाद आखिरकार ममता बनर्जी की सरकार ने राज्य में कानून व्यवस्था बहाल रखने के लिए केंद्र सरकार से मदद मांगी है।
बुधवार को ही कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को सलाह दी थी कि अगर पुलिस को लगता है कि कानून व्यवस्था संभालना मुश्किल होगी तो केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती के लिए केंद्र से मदद मांगी जा सकती है। इसके बाद बुधवार शाम के समय राज्य सचिवालय की ओर से केंद्रीय गृह मंत्रालय को इस संबंध में आवेदन पत्र भेजा गया। राज्य सरकार के आवेदन के मुताबिक तीन कंपनी केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों की तैनाती की सहमति मिली है।
सचिवालय सूत्रों ने बताया है कि गुरुवार को हनुमान जयंती के मौके पर निकलने वाली शोभायात्राओं की सुरक्षा के साथ-साथ कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए इनमें से एक कंपनी केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बल की तैनाती कोलकाता में होगी। दूसरी कंपनी किसानों के हुगली जिले के चंदननगर पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत और तीसरी कंपनी को उत्तर 24 परगना के बैरकपुर में तैनात किया जाएगा।
सचिवालय सूत्रों ने बताया है कि हनुमान जयंती पर अग्रिम सतर्कता बरतने के लिए मुख्य सचिव हरि कृष्ण द्विवेदी ने बुधवार दोपहर को हाई कोर्ट की टिप्पणी के बाद राज्य सचिवालय में जिला पुलिस अधीक्षकों और पुलिस कमिश्नर्स के साथ बैठक की। उसी में मुख्य सचिव ने स्पष्ट कर दिया कि हाई कोर्ट के निर्देशानुसार काम करना होगा। हनुमान जयंती पर जितनी भी शोभायात्राएं होंगी उन सभी की वीडियोग्राफी की जाएगी। जो लोग शोभायात्रा में शामिल होंगे उनकी पहचान सुनिश्चित करनी होगी। 100 से अधिक लोगों को अनुमति नहीं दी जाएगी और संवेदनशील क्षेत्रों में सीआरपीसी की धारा 144 लागू की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि बुधवार दोपहर के समय कलकत्ता हाई कोर्ट में कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की खंडपीठ ने कहा था कि राज्य सरकार को अगर कानून व्यवस्था संभालने में समस्या है तो केंद्रीय बलों की तैनाती की जा सकती है। प्राकृतिक आपदाओं में बेहिचक ऐसा किया जाता है तो ऐसे हालात में क्यों नहीं किया जा सकता है? आज शाम से ही रूट मार्च करना होगा ताकि लोगों में शांति व्यवस्था बहाली का विश्वास जगे। उसी के मुताबिक तीनों जगहों पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों ने पुलिस के साथ मिलकर रूट मार्च शुरू कर दिया है।
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