मध्यप्रदेश के बड़वानी शहर के पास 27 मार्च को एक अज्ञात महिला का शव मिला था। जिसकी हालत देखकर हत्या की आशंका जताई जा रही थी। शव की शिनाख्त भावना राठौर पुत्री सूरज बाई पति गट्टुलाल राठौर के रूप में की गई थी। जो कि 21 मार्च से लापता थी जिसकी गुमशुदी पुलिस में परिजनों द्वारा दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने आज उस मामले का खुलासा कर दिया है।
जिस दिन गुमशुदी दर्ज कराई गई उसी दिन अज्ञात शव के मिलने की खबर ने पुलिस को सकते में डाल दिया। मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को सुचित किया गया व सुचना की तस्दीक के लिए पुलिस टीम को मौके पर रवाना किया गया। पुलिस टीम ने मौके पर पहुच कर तस्दीक/ मौका मुआयना करते पाया गया की मौके पर अज्ञात शव महिला का है, जिसकी उम्र करीबन 25 से 30 वर्ष है।
शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद उसे परिजनों के सुपुर्द किया गया। घटना स्थल पर प्राप्त भौतिक साक्ष्यों का तकनीकी व वैज्ञानिक विधि से आंकलन व परीक्षण करने से पता चला की हत्यारे ने मृतका की पहचान छिपाने के लिए उसके सिर व शरीर के अन्य अंगों पर गंभीर प्रहार किए और उसे जलाने का भी प्रयास किया था।
वहीं इस मामले को लेकर परिजनों ने वाहिद नाम के एक युवक पर हत्या का आरोप लगाया था, लेकिन फिर भी पुलिस जांच अधिकारी द्वारा उदासीनता दिखाई जा रहीं थी। जिसके बाद मृतका के पिता की मदद को हिंदू समाज ने एकत्रित होकर अधिकारियों को ज्ञापन दिए और सोशल मीडिया पर भी इस मामले को लेकर #justice_for_bhawna जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहें थे। इसके बाद पुलिस सक्रिय हुई और वाहिद से पूछताछ की, तो थोड़े ही समय में उसने नृशंस हत्या का अपराध स्वीकार कर लिया।
कैसे हुआ खुलासा ?
एसपी बड़वानी पुनीत गेहलोद ने बताया अज्ञात आरोपी का पता लगाने हेतु थाने से पुलिस टीम गठित की गई थी। पुलिस टीम द्वारा मुखबिर तंत्र सक्रिय किया गया तथा तकनीकी व वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर ज्ञात हुआ की भावना राठौर वाहिद नाम के व्यक्ति के साथ दिनांक 21 मार्च को देखी गई थी।
उसी सुचना के आधार पर आरोपित वाहिद पिता युसुफ भिश्ती उम्र 40 वर्ष निवासी पानवाडी मोहल्ला को पकड़ लिया गया। जिसने सख्ती से पूछताछ करने पर दिनांक 21 मार्च को भावना के साथ उसका होना और उसकी हत्या करने का अपराध स्वीकार किया। वहीं इस मामले में परिजनों और आक्रोशित हिंदू समाज का कहना है कि अभी भी उचित धाराओं में प्रकरण दर्ज नहीं हुआ है। इसलिए अभी पूरा न्याय नहीं मिला है।
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