नवरात्र और रामनवमी का महापर्व पूरे देश में मनाया जा रहा है। योगी सरकार द्वारा इस वर्ष चैत्र नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती पाठ और रामचरितमानस के पाठ के लिए अनुदान की घोषणा की थी। इस घोषणा के बाद बुधवार से नवरात्र की अष्टमी तिथि से 24 घंटे के अखंड रामचरितमानस पाठ का शुभारम्भ हुआ।
इसके अलावा शिव की नगरी काशी में दुर्गाशक्ति की पूजा की जा रही है। वहीं विश्वनाथ धाम में शुरू हुए रामचरितमानस पाठ ने पूरे धाम को और काशी को श्रीराममय कर दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद प्रदेश भर के अलग-अलग मंदिरों, मठों में अखंड रामायण का पाठ का आयोजन किया गया। काशी में भी पहली बार बाबा विश्वनाथ के धाम में बुधवार को अखंड रामायण के पाठ शुरू किया गया।
रामनवमी के उपलक्ष श्री काशी विश्वनाथ धाम के चौक परिसर में अखंड रामायण पाठ का आयोजन किया गया। इस संगीतमय पाठ के आयोजन की शुरुआत राम दरबार की प्रतिमा के स्थापना से किया गया। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विधिविधान से पूजन अर्चन करने के पश्चात इस अखंड पाठ को शुरू किया गया।
मंदिर में आने वाले दर्शनार्थी भी इस कार्यक्रम में शामिल होकर पुण्य के भागी बन रहे थे। कार्यक्रम में मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी निखिलेश मिश्रा, एसडीएम शंभू शरण सहित बड़ी संख्या में अधिकारी उपस्थित रहे। अखंड रामायण पाठ का समापन रामनवमी के पर्व पर आयोजित अन्य आयोजनों के साथ होगा।
काशी विश्वनाथ धाम बनने के बाद से ही बाबा के दरबार में भक्तों के ध्यान, भजन – कीर्तन के लिए पर्याप्त स्थान उपलब्ध हो गया है। अखंड रामायण के पाठ में बाबा के भक्त भी शामिल हो रहे हैं। बाबा विश्वनाथ का धाम रामनवमी के दिन राममय हो गया है। श्रद्धालुओं के द्वारा हर हर महादेव, जय श्रीराम के जयकारे भी खूब लगाए जा रहे हैं।
देवी मंदिर में हो रहा दुर्गासप्तशती का पाठ
प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र के आठों विधानसभा क्षेत्र में स्थित देवी मंदिरों में दुर्गा सप्तशती का पाठ बड़े ही श्रद्धा भाव से किया जा रहा है। साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम और भजन का भी आयोजन किया गया। क्षेत्रीय संस्कृति अधिकारी डॉ सुभाष यादव ने बताया कि वाराणसी में चैत्र नवरात्र के पहले दिन से अष्टमी तक दुर्गा मंदिरो में दुर्गा सप्तशती पाठ का आयोजन हुआ। इसमे स्थानीय कलाकारों और लोगों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। बता दें कि योगी सरकार द्वारा इस वर्ष चैत्र नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती पाठ और रामचरितमानस के पाठ के लिए घोषणा की गई थी।
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